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गुजरात में बाढ़: NDRF और SDRF द्वारा चलाया जा रहा बचाव अभियान

गुजरात के बोटाद जिले में हाल ही में आई बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है, जिसमें कई लोगों की जान गई है। NDRF और SDRF की टीमें बचाव कार्य में जुटी हैं, जबकि मौसम विभाग ने अगले चार दिनों के लिए भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। जानें इस संकट की पूरी जानकारी और राहत प्रयासों के बारे में।
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गुजरात में बाढ़: NDRF और SDRF द्वारा चलाया जा रहा बचाव अभियान

गुजरात बाढ़ की स्थिति

गुजरात बाढ़: 17 जून 2025 को बोटाद जिले में एक दुखद घटना में एक ईको कार, जिसमें नौ यात्री सवार थे, तेज बहाव में बह गई। NDRF के इंस्पेक्टर विनय कुमार भाटी के अनुसार, चार लोगों की मृत्यु हो चुकी है, तीन लापता हैं, और दो को सुरक्षित निकाला गया है। यह कार संभवतः साझा टेंपो के रूप में कार्य कर रही थी। NDRF की छठी बटालियन ने तलाशी अभियान शुरू किया है, जो अभी भी जारी है। भाटी ने बताया कि भारी जलभराव और अवरुद्ध सड़कों के कारण बोटाद पहुंचने में कठिनाइयाँ आईं, लेकिन जिला प्रशासन की सहायता से रात 7:30 से 11:30 तक बचाव कार्य किया गया।


भारी बारिश का प्रभाव

गुजरात में पिछले 48 घंटों में हुई मूसलाधार बारिश ने व्यापक तबाही मचाई है, जिसमें 22 लोगों की जान गई है। सौराष्ट्र और दक्षिण गुजरात के जिले, विशेषकर बोटाद और अमरेली, सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं। बोटाद में 16-17 जून को 247 मिमी बारिश दर्ज की गई, जिसके कारण खंभाडा बांध के गेट खोलने पड़े। इससे गडगडा रोड बंद हो गई और गढडा के शहरी-ग्रामीण क्षेत्रों में बाढ़ आ गई। अमरेली में भी पांच डैम उफान पर हैं, और 24 मजदूरों को IAF हेलिकॉप्टर और कोस्ट गार्ड की मदद से बचाया गया।


NDRF और SDRF का बचाव कार्य

NDRF की 12 टीमें और SDRF की 20 टीमें वडोदरा, राजकोट, सूरत, कच्छ, जूनागढ़, अमरेली, भावनगर और अन्य जिलों में तैनात हैं। अमरेली में बाढ़ग्रस्त खेत से पांच प्रवासी किसानों को सुरक्षित निकाला गया। बोटाद के बरवाला तालुका से 40 लोगों को भी सुरक्षित निकाला गया। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने 25 जिलों के कलेक्टरों के साथ समीक्षा बैठक की और जान-माल की सुरक्षा को प्राथमिकता देने का निर्देश दिया।


मौसम की चेतावनी

भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने बोटाद, भावनगर, अमरेली, सूरत, राजकोट, जूनागढ़ और अन्य जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है, जिसमें अगले चार दिनों तक भारी से अति भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। बोटाद के बरवाला तालुका में 12 घंटों में 178 मिमी बारिश दर्ज की गई। सौराष्ट्र और दक्षिण गुजरात में नदियां और 140 डैम खतरे के निशान से ऊपर बह रहे हैं।


राहत कार्य और प्रभाव

बोटाद और अमरेली में सड़कें और रेलवे ट्रैक जलमग्न हैं, जिससे यातायात ठप हो गया है। भावनगर में स्कूल बंद कर दिए गए हैं। खंभाडा बांध के गेट खुलने से निचले इलाकों में खतरा बढ़ गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री पटेल से फोन पर बात की और राहत कार्यों का जायजा लिया, साथ ही केंद्र से हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। अब तक 8,500 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।