गुरु तेग बहादुर जी की 350वीं शहीदी वर्षगांठ: पंजाब सरकार का भव्य आयोजन
गुरु तेग बहादुर जी की शहीदी वर्षगांठ का भव्य आयोजन
पंजाब की भगवंत मान सरकार ने गुरु तेग बहादुर जी की 350वीं शहीदी वर्षगांठ के अवसर पर एक भव्य आयोजन की योजना बनाई है, जिसे धार्मिक उत्सव के साथ-साथ एक राष्ट्र‑दर्शी संदेश के रूप में देखा जा रहा है.
राज्य‑व्यापी स्तर पर आयोजन का निर्णय
मुख्यमंत्री मान ने इस ऐतिहासिक अवसर को राज्य‑व्यापी स्तर पर मनाने का निर्णय लिया है। उनका कहना है कि यह आयोजन केवल सिख समुदाय तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि यह सभी धर्मों को समान सम्मान देने की प्रतिबद्धता का प्रतीक है। उन्होंने इस आयोजन को धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांतों का उदाहरण बनाने की योजना बनाई है.
सरकार ने 19 से 25 नवंबर 2025 तक विभिन्न स्तरों पर कार्यक्रम आयोजित करने का निर्णय लिया है, जिसमें चार अलग-अलग यात्राएं पूरे पंजाब में होंगी, जो अंततः अनंदपुर साहिब में एकत्र होंगी। हर शाम यहां कीर्तन दरबार, लाइट-एंड-साउंड शो और कवि-सम्मेलन का आयोजन होगा। इसके अतिरिक्त, विभिन्न शिक्षण संस्थानों में सेमिनार, विश्व शांति सम्मेलन और अंतर-धार्मिक सम्मेलन भी आयोजित किए जाएंगे.
गुरु तेग बहादुर जी की महत्ता
मुख्यमंत्री ने बताया कि गुरु तेग बहादुर जी की महत्ता केवल सिखों में नहीं है, बल्कि उन्होंने मानवाधिकारों और धार्मिक स्वतंत्रता के लिए अपने जीवन का बलिदान दिया। इसलिए उनकी स्मृति को बड़े सम्मान के साथ मनाया जाना चाहिए। उन्होंने केंद्र सरकार से इस संबंध में एक अनुकरणीय मानवाधिकार दिवस की मांग भी की है.
नया लोगो और ऐतिहासिक स्थलों की पहचान
इस आयोजन के प्रतीक के रूप में, मुख्यमंत्री ने 'हिंद दी चादर' नामक नया लोगो जारी किया है, जो गुरु की छवि और उनके बलिदान का प्रतीक है। पंजाब सरकार ने 63 ऐतिहासिक स्थलों की पहचान की है, जहां गुरु जी की जीवन-यात्रा या शिक्षाओं का महत्व है, और वहां इंफ्रास्ट्रक्चर सुधार पर ध्यान दिया जा रहा है.
मान सरकार का यह आयोजन श्रद्धा और भक्ति का उत्सव है, जो यह दर्शाता है कि वे धर्म को राजनीति का साधन नहीं, बल्कि एकता और मानवता का सूत्र मानते हैं. यह कदम धर्म‑निरपेक्षता की परंपरा को नई ऊर्जा दे रहा है और यह स्पष्ट कर रहा है कि उनकी सरकार केवल एक समुदाय की नहीं, बल्कि पूरे पंजाब और मानवता की सरकार है.
