गुरु तेग बहादुर जी के शहीदी पुरब पर पंजाब में दिखी एकता की मिसाल
मुख्यमंत्री भगवंत मान की पहल
पंजाब: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी पुरब समागम के लिए जो कदम उठाया है, वह वास्तव में प्रशंसा के योग्य है। उन्होंने सभी विपक्षी नेताओं को आमंत्रित कर यह सिद्ध कर दिया कि गुरु के प्रति श्रद्धा में राजनीति का स्थान नहीं है। इस महत्वपूर्ण अवसर पर अकाली दल के सुखबीर सिंह बादल, भाजपा के सुनील जखड़, और कांग्रेस के राजा वड़िंग जैसे प्रमुख नेताओं को आमंत्रित किया गया।
गुरु की शिक्षाओं का सम्मान
राजनीति से ऊपर गुरु की शिक्षाओं का सम्मान
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने स्पष्ट किया कि यह समागम किसी राजनीतिक स्वार्थ के लिए नहीं है। उन्होंने कहा, “गुरु तेग बहादुर जी ने मानवता और धर्म की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। आज हम अपनी राजनीतिक पहचान को भुलाकर, सच्चे सेवादार बनकर गुरु जी के आदर्शों को नमन करने आए हैं।” इस पहल ने यह संदेश दिया कि धर्म और गुरु के मामलों में राजनीति को अलग रखा जा सकता है।
भव्य आयोजन की तैयारी
भव्य आयोजन और व्यवस्थित प्रबंध
पंजाब सरकार ने इस समागम के लिए विशेष तैयारियां की थीं। किसी भी स्थान पर राजनीतिक बैनर नहीं थे, और न ही प्रशासनिक दिखावा। सभी व्यवस्थाएं सेवा, समर्पण और श्रद्धा पर केंद्रित थीं। लाखों श्रद्धालुओं के आने के बावजूद कोई असुविधा नहीं हुई। भव्य कीर्तन दरबार, विशाल लंगर, और जरूरतमंदों के लिए विशेष व्यवस्थाएं की गईं, जिसमें साफ-सफाई, पानी, और चिकित्सा सुविधाएं शामिल थीं।
गुरु जी के बलिदान पर कार्यक्रम
गुरु जी के जीवन और बलिदान पर कार्यक्रम
इस आयोजन में गुरु तेग बहादुर जी के जीवन और बलिदान पर आधारित प्रदर्शनियां, प्रवचन और अन्य कार्यक्रम शामिल थे। श्रद्धालु इन अनुभवों से भावविभोर और प्रेरित हुए। लंगर और सेवा कार्य में सरकार के अधिकारी और मंत्री स्वयं सेवादारी का उदाहरण प्रस्तुत कर रहे थे।
जनता की सराहना
जनता और नेताओं की सराहना
आम जनता ने इस पहल की सराहना की। लोगों ने कहा कि यही सच्ची सेवा और गुरु की शिक्षा है। जब विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता अपने मतभेद भुलाकर एक साथ आते हैं, तो यह दिखाता है कि पंजाब में गुरु का संदेश आज भी जीवित है। सीएम मान ने अपने भाषण में कहा, “धर्म और गुरु के मामलों में कोई राजनीति नहीं होती। यह एकता ही पंजाब की असली ताकत है।”
समागम का महत्व
पंजाब सरकार का यह आयोजन केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण नहीं था, बल्कि पूरे देश के लिए यह संदेश है कि राजनीति से ऊपर उठकर मानवता, एकता और सेवा को सर्वोपरि रखा जा सकता है। यह समागम एक प्रेरक उदाहरण बन गया है, जो सभी को साथ लेकर चलने की शिक्षा देता है और समाज में एकता और सहिष्णुता का संदेश फैलाता है।
