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गुरुग्राम के टिकली गांव में चर्च निर्माण के खिलाफ महापंचायत: 18 गांवों का एकजुट विरोध

गुरुग्राम के टिकली गांव में चर्च के निर्माण के खिलाफ 18 गांवों की महापंचायत आयोजित की गई। इस बैठक में स्थानीय नेताओं और धार्मिक संगठनों ने एकजुट होकर चर्च निर्माण का विरोध किया। ग्रामीणों का कहना है कि इससे उनकी संस्कृति और एकता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने प्रशासन से जल्द कार्रवाई की उम्मीद जताई है। जानें इस मुद्दे के पीछे की पूरी कहानी और ग्रामीणों की चिंताएं।
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गुरुग्राम के टिकली गांव में चर्च निर्माण के खिलाफ महापंचायत: 18 गांवों का एकजुट विरोध

महापंचायत का आयोजन


गुरुग्राम: गुरुग्राम के टिकली गांव में शुक्रवार, 26 दिसंबर 2025 को चर्च के निर्माण के खिलाफ 18 गांवों की एक बड़ी महापंचायत का आयोजन किया गया। यह बैठक राजकीय प्राथमिक स्कूल में हुई, जिसमें सरपंच, पंच, नंबरदार और विभिन्न धार्मिक-सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए। सभी ने एकमत होकर निर्णय लिया कि गांव में चर्च का निर्माण नहीं होने दिया जाएगा।


महापंचायत में उठे मुद्दे

इस महापंचायत में विश्व हिंदू परिषद के सदस्य, सरपंच एकता मंच के नेता, बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष और कई गांवों के प्रतिनिधि उपस्थित थे। सभी ने चर्च के निर्माण का विरोध करते हुए कहा कि इससे स्थानीय समाज की एकता और संस्कृति पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।


बैठक में सर्वसम्मति से 51 सदस्यों की एक समिति का गठन किया गया, जो सोमवार को जिला उपायुक्त से मिलकर ज्ञापन सौंपेगी और निर्माण कार्य रोकने की मांग करेगी।


चर्च का निर्माण विवाद

ग्रामीणों के अनुसार, ईसाई समुदाय लंबे समय से सवा एकड़ जमीन पर चर्च का निर्माण कर रहा था। पहले विरोध के बाद प्रबंधन ने आश्वासन दिया था कि ग्रामीणों की सहमति के बिना कोई कार्य नहीं होगा। लेकिन हाल ही में निर्माण कार्य फिर से शुरू होने से स्थानीय लोगों में आक्रोश फैल गया, जिसके चलते 18 गांवों के लोग महापंचायत में एकत्र हुए।


विरोध के कारण

वक्ताओं ने यह सवाल उठाया कि क्षेत्र में ईसाई समुदाय की संख्या बहुत कम है, तो इतने बड़े चर्च की आवश्यकता क्यों है। कई लोगों ने यह आशंका जताई कि यह धर्मांतरण को बढ़ावा देने के लिए किया जा रहा है, जिससे गांव की सामाजिक व्यवस्था प्रभावित हो सकती है।


महापंचायत में शामिल सभी प्रतिनिधियों ने कहा कि वे शांतिपूर्ण तरीके से विरोध जारी रखेंगे और प्रशासन से जल्द कार्रवाई की उम्मीद कर रहे हैं। यदि आवश्यक हुआ, तो वे और बड़े स्तर पर आंदोलन करने के लिए तैयार हैं। इस मुद्दे ने आसपास के गांवों में धार्मिक और सामाजिक चर्चाओं को जन्म दिया है।


संस्कृति की रक्षा का संकल्प

ग्रामीणों का कहना है कि वे अपनी संस्कृति और एकता की रक्षा के लिए एकजुट हैं। अब सभी की नजरें सोमवार को जिला उपायुक्त से होने वाली मुलाकात पर टिकी हुई हैं।