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गोपाल इटालिया: गुजरात में AAP की जीत का नया चेहरा

गुजरात के विसावदर सीट पर आम आदमी पार्टी ने गोपाल इटालिया के नेतृत्व में उपचुनाव जीतकर भाजपा को एक बड़ा झटका दिया है। इस चुनाव में इटालिया को 75,942 वोट मिले, जबकि भाजपा के किरीट पटेल को 58,388 वोट मिले। गोपाल इटालिया, जो पाटीदार आरक्षण आंदोलन के प्रमुख चेहरों में से एक हैं, ने AAP में शामिल होने के बाद से कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं। जानें उनके बारे में और इस चुनाव की पूरी कहानी।
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गोपाल इटालिया: गुजरात में AAP की जीत का नया चेहरा

गोपाल इटालिया की जीत

गोपाल इटालिया कौन हैं: गुजरात के जूनागढ़ जिले की विसावदर सीट पर आम आदमी पार्टी ने उपचुनाव में शानदार जीत हासिल की है। गोपाल इटालिया ने इस चुनाव में भाजपा के गढ़ में AAP को महत्वपूर्ण सफलता दिलाई है। 19 जून को इस सीट पर मतदान हुआ, जिसमें 56.89 प्रतिशत वोटिंग हुई। चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, इटालिया को 75,942 वोट मिले।


भाजपा के उम्मीदवार किरीट पटेल को 58,388 वोट मिले, जिससे वे दूसरे स्थान पर रहे। कांग्रेस के नितिन रणपरिया को 5,501 वोट मिले और वे तीसरे स्थान पर रहे। उल्लेखनीय है कि 2022 में इस सीट से आम आदमी पार्टी के भूपेंद्र भयानी विधायक बने थे, लेकिन दिसंबर 2023 में उन्होंने पार्टी छोड़कर भाजपा जॉइन कर ली थी। इस सीट के खाली होने के बाद हुए उपचुनाव में AAP ने फिर से जीत दर्ज की।




गोपाल इटालिया का परिचय

कौन हैं गोपाल इटालिया?


गोपाल इटालिया आम आदमी पार्टी के गुजरात संयोजक हैं और अब विधायक भी बन गए हैं। उन्हें दिसंबर 2020 में संयोजक की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। वे पाटीदार समाज से हैं और पाटीदार आरक्षण आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके हैं। उन्होंने हार्दिक पटेल के साथ मिलकर इस आंदोलन को मजबूती दी थी। गोपाल ने 2020 में AAP जॉइन किया और तुरंत ही उन्हें पार्टी का उपाध्यक्ष बना दिया गया।


उनके नेतृत्व में, आम आदमी पार्टी ने 2024 में सूरत नगर निगम चुनाव में 27 सीटें जीती थीं। AAP में शामिल होने से पहले, गोपाल एक सामाजिक कार्यकर्ता थे और पाटीदार आरक्षण आंदोलन का हिस्सा थे। 2014 में वे अहमदाबाद कलेक्ट्रेट में क्लर्क के रूप में कार्यरत थे, लेकिन तीन साल बाद उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया। इससे पहले, वे गुजरात पुलिस में कांस्टेबल थे, लेकिन वहां से भी उन्हें निकाल दिया गया। गोपाल का जन्म भावनगर जिले के बोटाद गांव में हुआ था।