गौतमबुद्ध नगर में मतदाता सूची की लापरवाही पर सख्त कार्रवाई
डीएम मेधा रूपम की कड़ी कार्रवाई
गौतमबुद्ध नगर। उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर जिले की जिलाधिकारी मेधा रूपम विशेष इंटेसिव रिवीजन (SIR) के मामले में बेहद सख्त नजर आ रही हैं। मतदाता सूची के सत्यापन में लापरवाही के चलते, उन्होंने 60 बीएलओ (BLO) और 7 सुपरवाइजरों के खिलाफ एफआईआर (FIR) दर्ज करवाई है। ये FIR विभिन्न थानों में लापरवाही, उदासीनता और उच्च अधिकारियों के निर्देशों की अवहेलना के आरोप में दर्ज की गई हैं।
ज्ञात हो कि डीएम मेधा रूपम के नेतृत्व में 04 नवंबर से 04 दिसंबर 2025 तक मतदाता सूचियों का विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान चलाया जा रहा है। सभी मतदाताओं का सत्यापन और गणना प्रपत्र भरवाना 4 दिसंबर तक अनिवार्य है। इसके बावजूद, कई बीएलओ अपने कार्य में लापरवाह रहे हैं। बीएलओ और सुपरवाइजरों को पहले ही नोटिस जारी किए गए थे और वेतन रोकने की चेतावनी भी दी गई थी।
डीएम ने सभी संबंधित अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए थे कि वे इस कार्य को गंभीरता से और समय पर पूरा करें। फिर भी, कई बीएलओ और सुपरवाइजरों ने अपने कर्तव्यों की अनदेखी की, जिसके कारण प्रशासन को कठोर कदम उठाने पड़े। दादरी में सबसे बड़ी कार्रवाई की गई, जहां उप जिलाधिकारी ने 32 बीएलओ और 1 सुपरवाइजर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई। नोएडा में भी 11 बीएलओ और 6 सुपरवाइजरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
आरोप है कि बीएलओ और सुपरवाइजरों ने विशेष पुनरीक्षण कार्य की प्रगति को लेकर बार-बार दिए गए निर्देशों की अनदेखी की और समय सीमा में अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन नहीं किया। इसके अलावा, जेवर में 17 बीएलओ के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज कराने का आदेश दिया गया। जिला प्रशासन का कहना है कि मतदाता सूची लोकतंत्र की नींव है और इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अधिकारियों को बार-बार चेतावनी देने के बावजूद जब सुधार नहीं हुआ, तब कार्रवाई की गई।
