चंडीगढ़ में PGI सारंगपुर प्रोजेक्ट: 16000 मरीजों के लिए नई ओपीडी का निर्माण

PGI सारंगपुर प्रोजेक्ट: मरीजों के लिए बेहतर सुविधाएं
चंडीगढ़ में PGI सारंगपुर प्रोजेक्ट के तहत 16000 मरीजों के लिए ओपीडी का निर्माण किया जाएगा। यह प्रोजेक्ट मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करेगा। पहले चरण में ओपीडी और मेडिकल कॉलेज के निर्माण के लिए पीजीआई प्रबंधन ने स्वास्थ्य मंत्रालय को 986 करोड़ रुपये की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) भेजी है।
PGI सारंगपुर प्रोजेक्ट: चंडीगढ़ को होगा ये फायदा
पीजीआई के उप निदेशक प्रशासन, पंकज राय ने बताया कि मौजूदा ओपीडी केवल 5000 मरीजों के लिए है, जबकि रोजाना 10-12 हजार मरीज आते हैं। इसलिए, सारंगपुर प्रोजेक्ट में ओपीडी को 16000 मरीजों की क्षमता के अनुसार डिजाइन किया जा रहा है। वर्तमान ओपीडी एक एकड़ में है, जबकि नई ओपीडी पांच एकड़ में बनाई जाएगी।
मरीजों की पार्किंग की समस्या से बचने के लिए यहां एक मल्टीलेवल पार्किंग भी बनाई जाएगी। पहले चरण का निर्माण तीन साल में पूरा होगा। वर्तमान ओपीडी में केवल गंभीर मरीजों को ही रेफर किया जाएगा। पंकज राय ने बताया कि सारंगपुर प्रोजेक्ट में एक ट्रॉमा सेंटर भी स्थापित किया जाएगा।
इससे पीजीआई की इमरजेंसी सेवाएं दोगुनी हो जाएंगी, जिससे स्ट्रेचर पर इलाज करवा रहे मरीजों को किसी भी कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ेगा। इस साल के अंत तक सारंगपुर प्रोजेक्ट के पहले चरण की नींव रखी जाएगी।
पीजीआई को दो साल पहले एमबीबीएस की 100 सीटें मिली थीं, जिसके लिए मेडिकल कॉलेज की आवश्यकता थी। पहले इसे पीजीआई परिसर में बनाने की योजना थी, लेकिन जगह की कमी के कारण इसे सारंगपुर में बनाने की मंजूरी दी गई।
मिनिस्ट्री का इस प्रोजेक्ट को जल्द पूरा करने का दबाव
दिल्ली में दो महीने पहले हुई गवर्निंग बॉडी की बैठक में स्वास्थ्य मंत्री ने सारंगपुर प्रोजेक्ट की प्रगति की समीक्षा की और देरी पर नाराजगी जताई। उन्होंने तुरंत डीपीआर भेजने का निर्देश दिया, जिसके बाद पीजीआई ने इसे मंत्रालय को भेजा।
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सारंगपुर में तीन फेज में यह बनेगा
ओपीडी, मेडिकल कॉलेज, हॉस्टल, ट्रॉमा सेंटर, हेपेटॉलजी और गैस्ट्रोएंट्रोलॉजी, रीजनल कैंसर हॉस्पिटल, ब्लड ट्रांसफ्यूजन सेंटर।
सात पहले सारंगपुर प्रोजेक्ट को मिली थी मंजूरी
18 फरवरी 2018 को केंद्र ने पीजीआई के सारंगपुर प्रोजेक्ट के लिए 50.75 एकड़ भूमि की मंजूरी दी थी। 7 साल बीत जाने के बावजूद काम शुरू नहीं हुआ था। गवर्निंग बॉडी की बैठक में चंडीगढ़ के चीफ सेक्रेटरी राजीव वर्मा ने कहा कि अब पीजीआई को प्रशासन से दोबारा मंजूरी लेनी होगी।