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चंडीगढ़ में गर्मी के कारण बिजली कटौती की समस्या बढ़ी

चंडीगढ़ में गर्मियों के दौरान बिजली की खपत में भारी वृद्धि हुई है, जिससे बिजली कटौती की समस्या बढ़ गई है। लोग शिकायतों के समाधान में कठिनाई का सामना कर रहे हैं, और प्राइवेट कंपनी के अधिकारियों की लापरवाही के कारण स्थिति और भी खराब हो गई है। काउंसलर हरदीप सिंह ने प्रशासक को पत्र लिखकर इस समस्या का समाधान मांगा है। जानें इस मुद्दे के बारे में और अधिक जानकारी।
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चंडीगढ़ में गर्मी के कारण बिजली कटौती की समस्या बढ़ी

चंडीगढ़ में बिजली कटौती की बढ़ती समस्या

गर्मी के मौसम में चंडीगढ़ में बिजली की खपत में भारी वृद्धि हुई है। गुरुवार को दोपहर 1 बजे से लेकर शाम 3:30 बजे तक बिजली की खपत 465 मेगावॉट तक पहुंच गई, जो कि अब तक का सबसे उच्चतम स्तर है। इस वजह से बिजली की लाइनों पर अत्यधिक दबाव पड़ा, जिससे 11 केवी इनडोर सब-स्टेशन में ट्रांसफार्मर गर्म होने लगे और शहर के विभिन्न सेक्टरों और कॉलोनियों में बिजली कटने की घटनाएं बढ़ गईं।


बिजली कटौती के दौरान लोगों की समस्याएं

सीपीडीएल की टीम ने बिजली लाइनों और ट्रांसफार्मर्स को शॉर्ट सर्किट से बचाने के लिए सुबह 11 बजे से रात तक 20 से 30 मिनट के कट लगाए। हालांकि, लोगों का कहना है कि उनकी शिकायतों का सही तरीके से समाधान नहीं किया जा रहा है। फोन कॉल्स का जवाब नहीं दिया जा रहा है और वॉट्सएप पर भी संपर्क नहीं हो पा रहा है।


लोगों को अब यह समझ नहीं आ रहा है कि वे अपनी शिकायतें कहां करें। पहले सरकारी विभाग में चीफ इंजीनियर से संपर्क किया जाता था, लेकिन अब जब बिजली प्राइवेट हाथों में चली गई है, तो कोई सुनने वाला नहीं है।


प्रशासक को लिखा गया पत्र

काउंसलर हरदीप सिंह ने सीपीडीएल प्रबंधन से नाराज होकर प्रशासक को एक पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने उल्लेख किया है कि भीषण गर्मी के दौरान 11-12 जून की रात अचानक बिजली चली गई थी। बिजली को फिर से चालू करने के लिए कई अधिकारियों को फोन किया गया, लेकिन कोई भी उपलब्ध नहीं था।


बिजली विभाग के निजीकरण के बाद यह समस्याएं बढ़ी हैं, क्योंकि निजी कंपनी के अधिकारी और कर्मचारी आम जनता की समस्याओं से बेखबर हैं। पहले सरकारी कर्मचारी स्थायी रूप से अपनी ड्यूटी पर रहते थे और लोगों के लिए उनकी पहुंच आसान थी।


बिजली कटौती के कारण प्रभावित क्षेत्र

बिजली की लाइनें ओवरलोड होने के कारण सेक्टर-1, 3, 7 से 12, 14 से 31, ग्रेन मार्केट, बापूधाम कॉलोनी, ट्रांसपोर्ट एरिया, सेक्टर 32 से 52, 55, 56, 61, 63, मनीमाजरा, मॉडर्न हाउसिंग, डुपलेक्स, माड़ीवाला टाउन, पिपलीवाला टाउन, बैंक कॉलोनी, विकास डेहरा साहिब, गोविंद नगर, समाधि गेट, मौली जागरां, नगर, चरण सिंह कॉलोनी, गांव मक्खनमाजरा, रायपुर खुर्द, रायपुर कलां, हल्लोमाजरा, रामदरबार कॉलोनी, पलसोरा, डड्डूमाजरा गांव एवं कॉलोनी, मलोया गांव एवं कॉलोनी, धनास गांव, सारंगपुर, कैंबवाला, खुड्डा अलीशेर, दड़वा, मौली गांव, बहलाना, कजहेड़ी में बिजली कटौती हुई।


सेक्टर-30बी में दोपहर 2:40 से 3:45 बजे तक बिजली नहीं थी। इसी सेक्टर में तड़के 3 बजे ट्रांसफार्मर के खराब होने के कारण सुबह 10 बजे तक बिजली गुल रही, जिससे लोग 7 घंटे तक घरों के बाहर बैठे रहे।


पुराने ट्रांसफार्मर की समस्या

11 केवीए के 230 इनडोर सब-स्टेशन में पुराने ट्रांसफार्मर लगे हुए हैं। इनके पार्ट्स खराब होने पर मुश्किल से मिलते हैं। इनको सड़ने से बचाने के लिए पीडीएल टीम के पास कट लगाने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। बिजली विभाग ने सीपीडीएल को 1 फरवरी 2025 को ट्रांसफर किया है।


पुराने इंफ्रास्ट्रक्चर को चार महीने में अपग्रेड नहीं किया जा सका। यहां तक कि 11 केवीए सब-स्टेशन में लगे ट्रांसफार्मर भी नहीं बदले गए। सीपीडीएल प्रबंधन ने हाल ही में कहा था कि इंफ्रास्ट्रक्चर को अपग्रेड कर दिया गया है, लेकिन हकीकत में कंपनी चार महीने में सेक्टर-56 के 66 केवीए सब-स्टेशन में 2 एसी तक नहीं लगवा सकी।