चंडीगढ़ में प्रॉपर्टी टैक्स डिफॉल्टर्स की सूची 2025: ₹196 करोड़ का बकाया

चंडीगढ़ प्रॉपर्टी टैक्स डिफॉल्टर्स का बड़ा खुलासा
चंडीगढ़ प्रॉपर्टी टैक्स डिफॉल्टर्स की सूची 2025: चंडीगढ़ में प्रॉपर्टी टैक्स वसूली के संबंध में एक महत्वपूर्ण जानकारी सामने आई है। नगर निगम द्वारा जारी की गई नवीनतम सूची के अनुसार, शीर्ष 20 डिफॉल्टर्स पर ₹196 करोड़ से अधिक का बकाया है, जिसमें पंजाब यूनिवर्सिटी पर अकेले ₹68.85 करोड़ का टैक्स बकाया है।
IT पार्क और PGIMER मिलकर इस बकाए का 70% हिस्सा बनाते हैं। यह स्थिति चंडीगढ़ के विकास कार्यों और नगर सेवाओं पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है।
IT पार्क और PGIMER का योगदान
IT पार्क और PGIMER भी बकायेदारों में शामिल
नगर निगम की रिपोर्ट के अनुसार, पंजाब यूनिवर्सिटी, IT पार्क और PGIMER मिलकर कुल टैक्स बकाया का 70% हिस्सा रखते हैं।
PU: ₹68.85 करोड़
IT पार्क (कमर्शियल): ₹45 करोड़
PGI (कमर्शियल प्रॉपर्टी): ₹23.06 करोड़
इन तीनों पर कुल मिलाकर ₹136 करोड़ का टैक्स बकाया है, जो दर्शाता है कि बड़े संस्थानों द्वारा समय पर टैक्स न चुकाने से नगर निगम के फंड पर कितना असर पड़ रहा है।
बकायेदारों की विस्तृत सूची
बकायेदारों की लंबी सूची
नगर निगम द्वारा जारी की गई डिफॉल्टर्स की सूची में सरकारी, आवासीय और कमर्शियल संपत्तियों के साथ-साथ होटल और थिएटर भी शामिल हैं।
चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड (CE UT Commercial): ₹16.55 करोड़
चंडीगढ़ गोल्फ क्लब: ₹12.20 करोड़ (मामला न्यायिक प्रक्रिया में)
Punjab Engineering College (PEC): ₹10.91 करोड़
NITTTR: ₹3.13 करोड़
चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन (कमर्शियल): ₹2.98 करोड़
यहां तक कि PGI के रेजिडेंशियल क्वार्टर पर भी ₹1.58 करोड़ और Defence Estates (Sector 9) पर ₹1.86 करोड़ का बकाया है।
होटल और थिएटर भी बकायेदार
लग्ज़री होटल और पुराने थिएटर भी नहीं बचे, कोर्ट केस जारी
शहर के प्रमुख होटल भी इस सूची में शामिल हैं:
होटल जेम्स प्लाजा (सेक्टर 17): ₹1.17 करोड़
होटल ताज (सेक्टर 17): ₹1.15 करोड़
आनंद थिएटर: ₹80.42 लाख
इनमें से अधिकांश मामले अदालत में लंबित हैं, जिससे टैक्स वसूली में और देरी हो रही है।
नगर निगम का सख्त संदेश
निगम का अल्टीमेटम
नगर निगम ने स्पष्ट किया है कि यदि समय पर टैक्स का भुगतान नहीं किया गया, तो कठोर कदम उठाए जाएंगे।
प्रॉपर्टी सील करना
ब्याज के साथ रिकवरी नोटिस जारी करना
कानूनी कार्यवाही तेज करना
नगर निगम के अधिकारियों के अनुसार, टैक्स कलेक्शन से प्राप्त फंड का उपयोग शहर की सड़कों, सफाई, स्ट्रीट लाइट और अन्य विकास कार्यों में किया जाता है, इसलिए बकायेदारों की लापरवाही शहरवासियों के लिए समस्याएं पैदा कर सकती है।
चंडीगढ़ प्रॉपर्टी टैक्स डिफॉल्टर्स की नई सूची ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं, जिसमें पंजाब यूनिवर्सिटी, IT पार्क और PGI जैसे बड़े नाम शामिल हैं। कुल ₹196 करोड़ के टैक्स बकाया में 70% हिस्सा इन्हीं के हिस्से आता है।
नगर निगम ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द बकाया नहीं चुकाया गया तो सीलिंग और कानूनी कार्रवाई शुरू होगी। यह लापरवाही शहर के विकास कार्यों पर असर डाल सकती है।