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चंडीगढ़ में बिजली लाइनों के निकट अवैध निर्माण पर कार्रवाई

चंडीगढ़ में बिजली लाइनों के निकट बने अवैध ढांचों को ध्वस्त करने की चेतावनी दी गई है। CPDL के अधिकारियों ने बताया कि ऐसे निर्माण जो सुरक्षा के लिए खतरा बनते हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। जानें किन नियमों का पालन करना आवश्यक है और क्या हैं सुरक्षा उपाय।
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चंडीगढ़ में बिजली लाइनों के निकट अवैध निर्माण पर कार्रवाई

चंडीगढ़ में बिजली लाइनों के निकट अवैध निर्माण पर कार्रवाई

चंडीगढ़: बिजली लाइनों के निकट बने अवैध ढांचे होंगे ध्वस्त: चंडीगढ़ में रहने वाले उन लोगों को चेतावनी दी गई है, जिन्होंने अपने घरों में बिजली की ओवरहेड लाइनों के पास बालकनी, बाउंड्री वॉल या अन्य संरचनाएं बनाई हैं।


बिजली के पोल और लाइनों के आसपास अतिक्रमण किया गया है। ऐसे अवैध निर्माण को कभी भी ध्वस्त किया जा सकता है। चंडीगढ़ पावर इंस्टॉलेशन डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड (CPDL) के अधिकारियों ने बताया कि जो निर्माण सुरक्षा के लिए खतरा बनते हैं और इलेक्ट्रिसिटी सेफ्टी नियमों का उल्लंघन करते हैं, उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जा सकती है।


चंडीगढ़ में अवैध निर्माण का दायरा


CPDL के अधिकारियों ने कहा कि यदि इन नियमों का पालन नहीं किया गया तो किसी भी जान-माल के नुकसान के लिए उल्लंघनकर्ता को जिम्मेदार ठहराया जाएगा। सुरक्षा मानकों का पालन न करने वालों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जा सकती है।


बिल्डिंग मालिकों को सलाह दी गई है कि वे ऐसे अवैध ढांचे को हटा दें जो इलेक्ट्रिसिटी एक्ट का उल्लंघन कर रहे हैं। अधिकारियों ने कहा कि ऐसा न करने पर नगर निगम की सहायता से इन ढांचों को हटवाया जा सकता है।


अधिकारियों ने बताया कि जो अवैध निर्माण सुरक्षा के लिए खतरा बनते हैं और इलेक्ट्रिसिटी सेफ्टी नियमों का उल्लंघन करते हैं, उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जा सकती है। केंद्रीय इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी (सुरक्षा और बिजली आपूर्ति से संबंधित उपाय) नियम 2010 के नियम 60 और 61 के अनुसार और इलेक्ट्रिसिटी एक्ट 2003 की धारा 53, 68(5) और 161 के प्रावधानों के अनुसार, इंस्टॉलेशन और संरचना के बीच न्यूनतम दूरी बनाए रखना आवश्यक है।


इन नियमों का उद्देश्य दुर्घटनाओं को रोकना और सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करना है। CPDL के अधिकारियों ने कहा कि इन नियमों का पालन न करने से होने वाले किसी भी जान-माल के नुकसान के लिए उल्लंघनकर्ता को जिम्मेदार ठहराया जाएगा।


बिल्डिंग मालिकों को सलाह दी जाती है कि वे ऐसे अवैध ढांचे को हटा दें जिससे कि इलेक्ट्रिसिटी एक्ट का उल्लंघन हो रहा है। अधिकारियों ने कहा कि ऐसा न करने पर नगर निगम की मदद से ऐसे ढांचे को हटवाया जा सकता है।


सुरक्षा के लिए आवश्यक दूरी


450 वॉट की बिजली लाइन से वर्टिकल 2.5 मीटर और हॉरिजेंटल 1.2 मीटर की दूरी होनी चाहिए। 11 केवी बिजली लाइन से वर्टिकल 3.7 मीटर और हॉरिजेंटल 1.2 मीटर की दूरी होनी चाहिए। 11 केवीए से 33 केवीए की बिजली लाइन से वर्टिकल 3.7 मीटर और हॉरिजेंटल 2 मीटर की दूरी होनी चाहिए।


बचाव के सुझाव


यदि कहीं पानी जमा होता है, तो बिजली के खंभे, ट्रांसफार्मर, स्ट्रीट लाइट पोल, पिलर बॉक्स आदि से दूर रहें।
बिजली के इंस्टॉलेशन के पास पतंग न उड़ाएं, क्योंकि यह घातक हो सकता है।


बिजली के मीटर के पास अपने वाहन पार्क न करें और ज्वलनशील पदार्थ न रखें। – बिजली के झटके और दुर्घटनाओं से बचने के लिए अर्थ लीकेज सर्किट ब्रेकर (ईएलसीबी) लगाएं।