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चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड ने 30 और छोटे फ्लैट्स के लिए जारी किया एविक्शन नोटिस

चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड ने 30 और छोटे फ्लैट्स के लिए एविक्शन नोटिस जारी किया है, जिससे पहले से जारी 65 नोटिसों की संख्या बढ़ गई है। बोर्ड ने नॉन पेमेंट के चलते 250 से अधिक फ्लैट्स की अलॉटमेंट रद्द की है। डिफॉल्टर्स को चेतावनी दी गई है कि यदि वे बकाया फीस का भुगतान नहीं करते हैं, तो और सख्त कदम उठाए जाएंगे। जानें इस मामले में और क्या हो रहा है और डिफॉल्टर्स की स्थिति क्या है।
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चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड ने 30 और छोटे फ्लैट्स के लिए जारी किया एविक्शन नोटिस

चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड की कार्रवाई

चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड ने 30 अतिरिक्त छोटे फ्लैट्स के लिए एविक्शन नोटिस जारी किए हैं। इससे पहले, 65 से अधिक ऐसे फ्लैट्स को भी नोटिस मिल चुके हैं।


एविक्शन प्रक्रिया की शुरुआत

दरअसल, 250 से अधिक छोटे फ्लैट्स की अलॉटमेंट को चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड ने नॉन पेमेंट के कारण रद्द कर दिया था। अलॉटियों को एक महीने के भीतर फ्लैट खाली करने और सीएचबी को वापस करने के लिए कहा गया था। अब एक महीने की समय सीमा समाप्त होने के बाद, एविक्शन प्रक्रिया शुरू की गई है।


लाइसेंस फीस का बकाया

इन छोटे फ्लैट्स की अलॉटमेंट लाइसेंस बेस पर की गई थी, जिसमें हर महीने एक निश्चित लाइसेंस फीस सभी अलॉटियों को चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड को जमा करनी आवश्यक थी। पिछले कई वर्षों में हजारों अलॉटियों ने यह फीस नहीं भरी, जो अब लाखों रुपये में पहुंच गई है।


बकाया फीस के कारण रद्द अलॉटमेंट

जिन अलॉटियों पर डेढ़ लाख रुपये या उससे अधिक की फीस बकाया है, उनकी अलॉटमेंट रद्द कर दी गई थी। रामदरबार, इंडस्ट्रियल एरिया, धनास, मलोया और अन्य क्षेत्रों में यह कार्रवाई की जा रही है। सीएचबी अधिकारियों के अनुसार, भविष्य में भी इसी तरह की कार्रवाई जारी रहेगी।


डिफॉल्टरों की सूची

हाल ही में, सीएचबी ने एक डिफॉल्टर सूची जारी की थी जिसमें 13,000 से अधिक अलॉटियों का नाम था, जिन पर कुछ न कुछ बकाया है।


बोर्ड की सख्ती से डिफॉल्टर्स में हड़कंप

चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि बकायादारों को कोई छूट नहीं दी जाएगी। पहले 65 फ्लैट्स को नोटिस दिए गए थे, और अब 30 और फ्लैट्स पर कार्रवाई की गई है। बोर्ड ने डिफॉल्टर्स को चेतावनी दी है कि यदि फीस का भुगतान नहीं किया गया, तो और सख्त कदम उठाए जाएंगे। कई लोग अब बकाया चुकाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन लाखों रुपये का बकाया चुकाना आसान नहीं है। बोर्ड का कहना है कि नियम सभी के लिए समान हैं और गलती की कोई गुंजाइश नहीं है।