चिराग पासवान का एनडीए के प्रति अडिग समर्थन: बिहार चुनाव 2025 की तैयारी
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारी
बिहार : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के संदर्भ में केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा-रामविलास) के नेता चिराग पासवान ने अपनी पार्टी की राजनीतिक स्थिति और गठबंधन के प्रति अपनी स्पष्ट राय व्यक्त की है। उनकी पार्टी 29 सीटों पर चुनाव में भाग ले रही है, और हाल ही में आए कुछ ओपिनियन पोल में उनकी पार्टी के प्रदर्शन को कमजोर बताया गया है। इसके बावजूद, चिराग पासवान ने यह स्पष्ट किया कि वे एनडीए और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति अपने समर्थन में कोई बदलाव नहीं करेंगे।
गठबंधन से अलग होने की अटकलें
कुछ मीडिया सवालों के जवाब में, जब पूछा गया कि यदि बिहार में सरकार नहीं बनती है तो क्या वे एनडीए से अलग हो जाएंगे, चिराग पासवान ने स्पष्ट रूप से कहा कि ऐसा कुछ नहीं होगा। उन्होंने कहा कि उनका पीएम नरेंद्र मोदी के प्रति विश्वास और सम्मान इतना गहरा है कि जब तक मोदी प्रधानमंत्री हैं, वे कहीं नहीं जाएंगे। चिराग ने कहा कि वे पीएम मोदी से बहुत प्यार करते हैं, और यही कारण है कि वे एनडीए में बने हुए हैं।
राहुल गांधी और विपक्ष पर चिराग की प्रतिक्रिया
चिराग पासवान ने विपक्ष के नेता राहुल गांधी द्वारा जेन डेमोक्रेसी जैसे आह्वान पर भी अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि यह कदम देश और लोकतंत्र के लिए हानिकारक है। उनका मानना है कि विपक्ष केवल अपनी हार या जीत के लिए देश को अशांत करने का प्रयास कर रहा है। चिराग ने राहुल गांधी को सलाह दी कि उन्हें अपने इरादे पर विचार करना चाहिए और ऐसे कदम नहीं उठाने चाहिए जो सामाजिक और राजनीतिक स्थिरता को प्रभावित करें।
बुजुर्गों का सम्मान
चिराग पासवान ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सेहत पर की गई टिप्पणियों पर भी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि बुजुर्गों का सम्मान करना समाज की जिम्मेदारी है। कोई भी व्यक्ति किसी बुजुर्ग का मजाक नहीं बना सकता, क्योंकि हर परिवार में कोई न कोई बुजुर्ग होता है और उनका सम्मान करना आवश्यक है।
तेजस्वी यादव की फिटनेस पर चिराग की टिप्पणी
चिराग पासवान ने अपने पॉडकास्ट में विपक्षी नेता तेजस्वी यादव का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि भले ही तेजस्वी यादव एक समय में एथलीट रहे हैं, लेकिन उन्हें अपनी फिटनेस और स्वास्थ्य पर और ध्यान देने की आवश्यकता है। चिराग ने इसे हल्के तंज के रूप में कहा, लेकिन इसे चुनावी चर्चा का हिस्सा माना जा रहा है।
