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झारखंड के शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन का निधन, शोक की लहर

झारखंड के शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन का निधन शुक्रवार रात दिल्ली के अपोलो अस्पताल में हुआ। उनके निधन की खबर से पूरे झारखंड में शोक की लहर दौड़ गई है। उनके बेटे सोमेश सोरेन ने इस दुखद समाचार की पुष्टि की। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और अन्य नेताओं ने भी शोक व्यक्त किया है। रामदास सोरेन की सादगी और जनसेवा के लिए उन्हें याद किया जाएगा।
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झारखंड के शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन का निधन, शोक की लहर

रामदास सोरेन का निधन

झारखंड सरकार के स्कूली शिक्षा, साक्षरता एवं निबंधन मंत्री रामदास सोरेन का शुक्रवार रात दिल्ली के अपोलो अस्पताल में निधन हो गया। उनके निधन की सूचना से झारखंड में शोक की लहर फैल गई है।


परिवार की ओर से जानकारी

रामदास सोरेन के बड़े बेटे सोमेश सोरेन ने अपने पिता के आधिकारिक एक्स हैंडल पर इस दुखद समाचार को साझा किया। उन्होंने लिखा, "गहरे दुख के साथ यह बताना चाहता हूं कि मेरे पिता रामदास सोरेन अब हमारे बीच नहीं रहे।"


मुख्यमंत्री की संवेदना

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रामदास सोरेन के निधन पर गहरी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, "ऐसे छोड़कर नहीं जाना था रामदास दा... अंतिम जोहार दादा।"


राजनीतिक प्रतिक्रिया

पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता अर्जुन मुंडा ने भी इस दुखद समाचार पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने लिखा, "झारखंड के शिक्षा मंत्री एवं घाटशिला के विधायक रामदास सोरेन के निधन का अत्यंत दुखद समाचार प्राप्त हुआ। ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दे।"


घटना का विवरण

रामदास सोरेन का निधन उनके विधानसभा क्षेत्र घाटशिला और पूरे झारखंड में शोक का कारण बना है। उन्हें दो अगस्त को अपने पैतृक आवास में बाथरूम में गिरने के बाद गंभीर चोटें आई थीं। प्रारंभिक जांच में ब्रेन हेमरेज की पुष्टि हुई थी। उन्हें बेहतर इलाज के लिए एयर एंबुलेंस से दिल्ली के अपोलो अस्पताल लाया गया था, लेकिन चिकित्सकों की कोशिशों के बावजूद उनकी जान नहीं बचाई जा सकी।


सामाजिक कार्यकर्ताओं की प्रतिक्रिया

रामदास सोरेन के निधन पर कई नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने शोक व्यक्त किया है। वे झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के वरिष्ठ नेताओं में से एक थे और घाटशिला विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते थे। उनके निधन से झामुमो को भी गहरा आघात पहुंचा है। पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों के बीच उनकी सादगी और जनसेवा के लिए विशेष पहचान थी।