Newzfatafatlogo

दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण नियंत्रण के लिए GRAP स्टेज 1 लागू: जानें क्या हैं नए नियम

दिल्ली-एनसीआर में दिवाली से पहले वायु गुणवत्ता में गिरावट के चलते GRAP स्टेज 1 लागू किया गया है। अधिकारियों ने प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए कई नए नियमों की घोषणा की है, जिसमें लकड़ी और कूड़ा जलाने पर प्रतिबंध, डीजल जनरेटरों के उपयोग पर सीमाएं और यातायात नियंत्रण के उपाय शामिल हैं। इन कदमों का उद्देश्य वायु प्रदूषण को कम करना और नागरिकों को स्वच्छ वातावरण प्रदान करना है। जानें इन नए नियमों के बारे में विस्तार से।
 | 
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण नियंत्रण के लिए GRAP स्टेज 1 लागू: जानें क्या हैं नए नियम

दिल्ली में वायु गुणवत्ता में गिरावट


GRAP स्टेज 1 लागू: दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में दिवाली से पहले वायु गुणवत्ता में गिरावट आई है, जिसके चलते ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) का पहला चरण लागू किया गया है। 14 अक्टूबर को दिल्ली में प्रदूषण स्तर 211 दर्ज किया गया, जो कि 'खराब' श्रेणी में आता है। इस स्थिति को देखते हुए अधिकारियों ने प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सख्त कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले दिनों में प्रदूषण का स्तर 'खराब' श्रेणी में बना रहेगा, इसलिए अधिक सतर्कता बरतने की आवश्यकता है।


लकड़ी और कूड़ा जलाने पर प्रतिबंध

लकड़ी और कूड़ा जलाने पर रोक:
GRAP के तहत लकड़ी और कूड़ा जलाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है, क्योंकि ये प्रदूषण के प्रमुख कारण हैं। खुले में कचरा जलाने से निकलने वाला धुआं वायु गुणवत्ता को गंभीर रूप से प्रभावित करता है। इसके अलावा, निर्माण स्थलों पर धूल को नियंत्रित करने के लिए एंटी स्मॉग गन जैसे आधुनिक उपकरणों का उपयोग अनिवार्य कर दिया गया है। 500 वर्गमीटर से बड़े निर्माण प्रोजेक्ट्स को अपने डस्ट मैनेजमेंट प्लान का पालन करना होगा, जिससे निर्माण गतिविधियों के दौरान धूल का फैलाव नियंत्रित हो सके। इससे दिल्ली और एनसीआर की हवा को साफ रखने में मदद मिलेगी।


कोयला और लकड़ी के उपयोग पर पाबंदी

कोयला और लकड़ी के ईंधन पर रोक:
सड़क किनारे फूड स्टॉल और कमर्शियल किचन में कोयला और लकड़ी के ईंधन के उपयोग पर रोक लगा दी गई है। इसके स्थान पर सभी होटलों, रेस्टोरेंट्स और खुले खाने-पीने के स्थानों को बिजली, गैस या अन्य स्वच्छ ईंधन का उपयोग करना होगा। इससे वायु प्रदूषण को कम करने में मदद मिलेगी और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा। ये कदम दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण नियंत्रण के लिए अत्यंत आवश्यक हैं।


डीजल जनरेटरों पर कड़ी पाबंदियां

डीजल जनरेटरों पर सीमाएं:
प्रदूषण नियंत्रण के लिए डीजल जनरेटरों के उपयोग पर भी पाबंदियां लगाई गई हैं। अब ये जनरेटर केवल आपातकालीन स्थितियों में ही चलाए जा सकते हैं। इसके साथ ही, 10 साल से अधिक पुराने डीजल वाहनों और 15 साल से अधिक पुराने पेट्रोल वाहनों को दिल्ली-एनसीआर में चलाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को जुर्माना या जब्ती का सामना करना पड़ सकता है। ये नियम दिल्ली की हवा को साफ रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।


यातायात नियंत्रण और जागरूकता

यातायात नियंत्रण:
शहर के प्रमुख चौराहों पर ट्रैफिक पुलिस की संख्या बढ़ा दी गई है ताकि यातायात को सुचारू रूप से नियंत्रित किया जा सके। चालकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे लाल बत्ती पर इंजन बंद रखें, जिससे कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी। प्रशासन ने जनता से भी अपील की है कि वे प्रदूषण नियंत्रण नियमों का पालन करें और स्वच्छ वातावरण बनाने में सहयोग करें।


सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता

प्रदूषण नियंत्रण के लिए सामूहिक प्रयास:
दिल्ली-एनसीआर में GRAP स्टेज 1 लागू करना प्रदूषण नियंत्रण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यह दर्शाता है कि सरकार वायु गुणवत्ता को लेकर गंभीर है। दिवाली के नजदीक होने के कारण पटाखों और अन्य प्रदूषणकारी गतिविधियों के कारण हवा और भी प्रदूषित हो सकती है। नागरिकों को भी चाहिए कि वे प्रदूषण घटाने के लिए प्रयास करें, जैसे निजी वाहनों का कम उपयोग और खुले में कचरा जलाने से बचना।