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दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने करवा चौथ पर मनाया भव्य उत्सव, जानें इस पर्व का महत्व

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने करवा चौथ के अवसर पर अपने निवास पर एक भव्य उत्सव का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में कई महिलाओं ने भाग लिया और जस्पिंदर नरूला ने प्रस्तुति दी। रेखा गुप्ता ने सभी महिलाओं को शुभकामनाएं देते हुए इस पर्व के महत्व को बताया। करवा चौथ न केवल एक धार्मिक पर्व है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति की समृद्धि और परंपराओं का प्रतीक भी है। जानें इस पर्व की पूजा विधि और सामग्री के बारे में।
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दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने करवा चौथ पर मनाया भव्य उत्सव, जानें इस पर्व का महत्व

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता का करवा चौथ उत्सव


Rekha Gupta Karwa Chauth: दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने अपने घर पर करवा चौथ का व्रत श्रद्धा और पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ मनाया। इस अवसर पर उन्होंने सभी महिलाओं को शुभकामनाएं देते हुए कहा, "यह एक पवित्र पर्व है, जो हमारे वैवाहिक जीवन को मजबूत बनाता है। हमारी संस्कृति की ये परंपराएं जीवन को आगे बढ़ाने में सहायक होती हैं।" उन्होंने यह भी बताया कि करवा चौथ जैसे त्योहार भारतीय परंपराओं की समृद्धि को दर्शाते हैं और समाज में एक विशेष स्थान रखते हैं।


भव्य आयोजन का आयोजन

मुख्यमंत्री आवास पर हुआ भव्य आयोजन
करवा चौथ के अवसर पर रेखा गुप्ता के निवास पर एक रंगारंग कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें कई महिलाओं ने भाग लिया। इस कार्यक्रम में प्रसिद्ध गायिका जस्पिंदर नरूला ने अपनी प्रस्तुति दी और अन्य महिलाओं के साथ मिलकर नृत्य और गीत-संगीत का आनंद लिया। उत्सव का माहौल उत्साहपूर्ण और पारंपरिक रंगों से भरा रहा, जहाँ एक ओर व्रत की पवित्रता दिखी तो दूसरी ओर त्योहार की खुशी।


देशभर में करवा चौथ का उत्सव

देशभर में करवा चौथ की धूम
केवल दिल्ली ही नहीं, बल्कि देश के विभिन्न राज्यों में करवा चौथ को पूरे उत्साह के साथ मनाया गया। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज और मुरादाबाद, उत्तराखंड के देहरादून, गुजरात के गांधीनगर, और पंजाब के अमृतसर में भी महिलाओं ने श्रद्धा भाव से करवा चौथ की परंपराओं का पालन किया। महिलाएं पारंपरिक पोशाकों में सज-धज कर सामूहिक रूप से पूजा-पाठ में शामिल हुईं।


करवा चौथ का महत्व

करवा चौथ का महत्व और पूजा विधि
इस वर्ष करवा चौथ 10 अक्टूबर को मनाया गया। यह पर्व विशेष रूप से हिंदू विवाहित महिलाएं अपने पतियों की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य के लिए मनाती हैं। व्रत रखने से पहले महिलाएं सूर्योदय से पूर्व 'सर्गी' खाती हैं, जिसे उनकी सास उन्हें देती है। दिनभर निर्जला व्रत रखने के बाद महिलाएं चंद्रमा के दर्शन कर व्रत खोलती हैं। इस समय वे अपने पति की आंखों में देखकर प्रार्थना करती हैं और उन्हें जल पिलाकर व्रत समाप्त करती हैं।


पूजा सामग्री

पूजा सामग्री में शामिल वस्तुएं
करवा चौथ की पूजा के लिए विशेष सामग्री की आवश्यकता होती है, जिनमें पानी, दूध, कुमकुम, शहद, चंदन, चीनी, दही, अगरबत्ती, कपूर, करवा, कलावा, मठ्ठी, रोली और दीया (तेल का दीपक) शामिल हैं। इन वस्तुओं का प्रयोग कर महिलाएं विधिपूर्वक पूजा करती हैं।


संस्कृति और परंपरा का सम्मान

करवा चौथ न केवल एक धार्मिक पर्व है, बल्कि यह भारतीय समाज में स्त्री-पुरुष के रिश्ते की गहराई और परंपराओं की शक्ति को भी दर्शाता है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता का इस त्योहार में सक्रिय भागीदारी और उनके निवास पर हुए आयोजन से यह संदेश भी गया कि आधुनिकता के साथ परंपराओं का सम्मान करना आज भी भारतीय संस्कृति की विशेष पहचान है।