दिल्ली बम विस्फोट मामले में यासिर अहमद डार की हिरासत बढ़ाई गई, एनआईए को मिली और समय
दिल्ली बम विस्फोट मामले में नया मोड़
दिल्ली में हुए बम विस्फोट की जांच में एक महत्वपूर्ण विकास हुआ है। आरोपी यासिर अहमद डार को मंगलवार को कड़ी सुरक्षा के बीच पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने अदालत से डार की हिरासत बढ़ाने की अपील की, जिसे सुनने के बाद अदालत ने उसे 26 दिसंबर तक एनआईए की हिरासत में रखने का आदेश दिया।
एनआईए की दलीलें
कोर्ट में पेशी के दौरान सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए गए थे। कोर्ट परिसर के चारों ओर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया था, ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटा जा सके। एनआईए ने अदालत को बताया कि जांच अभी जारी है और आरोपी से पूछताछ के जरिए कई महत्वपूर्ण जानकारियां हासिल की जानी बाकी हैं। एजेंसी का कहना है कि डार से जुड़े संभावित नेटवर्क और साजिश के अन्य पहलुओं को उजागर करना आवश्यक है।
अन्य आरोपियों की स्थिति
इससे पहले, इसी मामले में अन्य आरोपियों की भी पेशी हुई थी। लाल किला विस्फोट मामले में गिरफ्तार डॉ. बिलाल नासिर मल्ला और शोएब को एनआईए की हिरासत अवधि समाप्त होने के बाद अदालत में पेश किया गया। सुनवाई के दौरान एनआईए ने उनकी हिरासत बढ़ाने की मांग की, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया। अदालत ने उनकी हिरासत 19 दिसंबर तक बढ़ाने का आदेश दिया।
जांच की संवेदनशीलता
#WATCH | Delhi blast case accused Yasir Ahmed Dar after hearing in Patiala House Court. He has been remanded to NIA custody till December 26. More details awaited. pic.twitter.com/0G4gbiwlD9
— ANI (@ANI) December 18, 2025
प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने मामले की गंभीरता को देखते हुए हिरासत बढ़ाने का निर्णय लिया। यह सुनवाई बंद कमरे में की गई ताकि जांच से संबंधित संवेदनशील जानकारियों को सार्वजनिक होने से रोका जा सके। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मामलों में जांच एजेंसी को पर्याप्त समय और सहयोग मिलना आवश्यक है।
सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता
दिल्ली और लाल किला से जुड़े विस्फोट मामलों को लेकर सुरक्षा एजेंसियां अत्यंत सतर्क हैं। इन मामलों को आतंकी साजिश के दृष्टिकोण से भी देखा जा रहा है। एनआईए लगातार आरोपियों से पूछताछ कर उनके संपर्कों, फंडिंग और संभावित सहयोगियों की जानकारी जुटाने में लगी हुई है। जांच एजेंसी का मानना है कि इन मामलों की कड़ियां आपस में जुड़ी हो सकती हैं और आने वाले दिनों में और भी खुलासे संभव हैं। अदालत ने भी जांच प्रक्रिया को ध्यान में रखते हुए एजेंसी को आवश्यक कानूनी छूट प्रदान की है।
