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दिल्ली में प्रदूषण की गंभीर स्थिति: राहत की कोई उम्मीद नहीं

दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति गंभीर होती जा रही है, जहां एक्यूआई 302 तक पहुंच गया है। एनडीएमसी ने प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए पार्किंग शुल्क दोगुना करने का निर्णय लिया है। त्योहारी सीजन में आतिशबाजी के कारण प्रदूषण में वृद्धि हुई है, और दिल्ली सरकार ने पंजाब के किसानों को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है। जानें इस मुद्दे पर और क्या कदम उठाए जा रहे हैं।
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दिल्ली में प्रदूषण की गंभीर स्थिति: राहत की कोई उम्मीद नहीं

दिल्ली में प्रदूषण का खतरनाक स्तर


खतरनाक श्रेणी में बना हुआ एक्यूआई, नाकाफी साबित हो रहे सरकार और एनडीएमसी के प्रयास


नई दिल्ली में प्रदूषण की समस्या हर साल की तरह इस बार भी सर्दियों के आगमन से पहले ही गंभीर हो गई है। यहां प्रदूषण की मोटी परत छा गई है, जिससे लोगों की सांसों पर संकट मंडरा रहा है। नई दिल्ली नगर परिषद (एनडीएमसी) के अनुसार, हाल ही में हुई एक बैठक में राजधानी का औसत एक्यूआई 302 दर्ज किया गया, और आने वाले दिनों में इसके और बढ़ने की आशंका जताई गई है।


एनडीएमसी का नया निर्णय

दिल्ली में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए एनडीएमसी ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। परिषद ने नई दिल्ली क्षेत्र में वाहनों की गतिविधियों को कम करने और लोगों को सार्वजनिक परिवहन अपनाने के लिए पार्किंग शुल्क को दोगुना करने का ऐलान किया है। यह कदम वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) के निर्देशों और ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) के चरण-दो के तहत उठाया गया है।


पार्किंग शुल्क में वृद्धि

नई दरें ग्रेप चरण-दो के निरस्त होने तक लागू रहेंगी। अब चारपहिया वाहनों के लिए पार्किंग शुल्क 20 रुपये से बढ़ाकर 40 रुपये प्रति घंटा कर दिया गया है, जबकि दुपहिया वाहनों के लिए यह दर 10 रुपये से बढ़ाकर 20 रुपये प्रति घंटा की गई है। बसों के लिए शुल्क 150 रुपये से बढ़ाकर 300 रुपये प्रति घंटा और इनडोर पार्किंग में कारों के लिए 10 से 20 रुपये और दुपहिया के लिए 5 से 10 रुपये प्रति घंटा कर दिया गया है।


त्योहारी सीजन का प्रभाव

दिल्ली में प्रदूषण का स्तर 15 अक्टूबर से पहले इतना गंभीर नहीं था, लेकिन त्योहारी सीजन के दौरान यह तेजी से बढ़ा। इसका मुख्य कारण लोगों द्वारा त्योहारी सीजन में आतिशबाजी का अंधाधुंध उपयोग रहा। सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली सरकार ने लोगों से अपील की थी कि दिवाली पर केवल ग्रीन पटाखे चलाए जाएं, लेकिन इस अपील का कोई असर नहीं हुआ।


दिल्ली सरकार का आरोप

दिल्ली सरकार ने प्रदूषण के बढ़ते स्तर के लिए पंजाब के किसानों को जिम्मेदार ठहराया है, जिनके द्वारा पराली जलाने की घटनाएं बढ़ी हैं। दिल्ली भाजपा नेताओं का कहना है कि पंजाब के किसान बड़े पैमाने पर धान के अवशेषों को आग लगा रहे हैं, जिससे उठता धुआं दिल्ली की ओर बढ़ रहा है और प्रदूषण के स्तर को बढ़ा रहा है।