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दिल्ली में प्रदूषण विरोध प्रदर्शन में माओवादी पोस्टर का विवाद: क्या है असली कहानी?

दिल्ली में वायु प्रदूषण के खिलाफ आयोजित एक प्रदर्शन में माओवादी कमांडर मादवी हिडमा के पोस्टर के प्रकट होने से विवाद खड़ा हो गया है। प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़पें हुईं, जिसमें कई लोग घायल हुए। इस घटना ने राजनीतिक माहौल को गरमा दिया है, और अधिकारियों ने इसकी जांच शुरू कर दी है। जानें इस विवाद के पीछे की कहानी और प्रदूषण के मुद्दे पर क्या हो रहा है।
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दिल्ली में प्रदूषण विरोध प्रदर्शन में माओवादी पोस्टर का विवाद: क्या है असली कहानी?

दिल्ली में प्रदूषण के खिलाफ प्रदर्शन में माओवादी पोस्टर का मामला


दिल्ली में वायु प्रदूषण के खिलाफ रविवार शाम को इंडिया गेट पर आयोजित एक प्रदर्शन विवादों में आ गया, जब वहां माओवादी कमांडर मादवी हिडमा के पोस्टर दिखाई दिए। हिडमा हाल ही में आंध्र प्रदेश में एक पुलिस मुठभेड़ में मारे गए थे, और उनके सिर पर एक करोड़ रुपये का इनाम था। उनके पोस्टर के अचानक प्रकट होने से राजनीतिक माहौल गरमा गया, जिसके बाद पुलिस ने तुरंत कार्रवाई शुरू की।


प्रदर्शन में हिडमा के पोस्टर का रहस्य

सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में दिखाया गया कि सी-हेक्सागन क्षेत्र में प्रदर्शनकारियों के हाथ में हिडमा का स्केच वाला पोस्टर था। पुलिस के अनुसार, हिडमा को बुर्कापाल (2017), चिंतलनार (2010) जैसे कई बड़े नक्सली हमलों का मास्टरमाइंड माना जाता है। उनकी मौत 18 नवंबर को आंध्र प्रदेश के अल्लूरी सीतारामराजू जिले में हुई थी।


प्रदूषण के मुद्दे पर हो रहे शांतिपूर्ण प्रदर्शन में इस तरह के पोस्टर देखकर अधिकारी भी चौंक गए और इसे संभावित 'चरमपंथी घुसपैठ' से जोड़ा जाने लगा।


पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प

दिल्ली कोऑर्डिनेशन कमेटी फॉर क्लीन एयर द्वारा आयोजित इस प्रदर्शन का उद्देश्य राजधानी की वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए आवाज उठाना था। लेकिन स्थिति तब बिगड़ गई जब प्रदर्शनकारियों ने यातायात रोक दिया और पुलिस के हटाने के प्रयासों का विरोध करते हुए मिर्च पाउडर और पेपर स्प्रे का इस्तेमाल किया।


पुलिस के अनुसार, इस दौरान तीन-चार कर्मियों को चोटें आईं और उन्हें RML अस्पताल में भर्ती कराया गया। बाद में 15 प्रदर्शनकारियों को सरकारी कर्मचारियों पर हमले और सड़क जाम करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया।


राजनीतिक विवाद का उभार

दिल्ली के विकास मंत्री कपिल मिश्रा ने हिडमा के पोस्टर को 'पर्यावरण आंदोलन में उग्रवाद की घुसपैठ' करार दिया। उन्होंने कहा कि यह नक्सलियों और जिहादियों का 'नया चेहरा' है, जो सामाजिक आंदोलनों में शामिल होकर अपने एजेंडे को बढ़ा रहे हैं।


पुलिस यह भी जांच कर रही है कि ये पोस्टर किसने और किस उद्देश्य से लाए। क्या यह एक संगठित प्रयास था या कुछ लोगों की व्यक्तिगत हरकत?


प्रदूषण का असली मुद्दा, लेकिन विवाद ने ध्यान भटकाया

दिल्ली के कई क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता सूचकांक गंभीर स्तर पर पहुंच चुका है। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि सरकार केवल दिखावटी कदम जैसे पानी का छिड़काव और क्लाउड सीडिंग कर रही है। लेकिन हिडमा के पोस्टर और हिंसक झड़प के कारण पूरा ध्यान प्रदूषण के मुद्दे से हटकर सुरक्षा और चरमपंथी गतिविधियों पर केंद्रित हो गया।


जांच का सिलसिला जारी

डीसीपी देवेश कुमार महला ने कहा कि घटना से जुड़े सभी वीडियो और सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है। पुलिस पर हमले, सड़क जाम और संदिग्ध पोस्टरों के संबंध में कई धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। आगे और गिरफ्तारियां भी हो सकती हैं।


इंडिया गेट पर हुआ यह विवाद अब राजधानी में विरोध प्रदर्शनों की सुरक्षा, राजनीतिक हस्तक्षेप और संभावित कट्टरपंथी गतिविधियों पर नए सवाल खड़े कर रहा है।