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दिल्ली विश्वविद्यालय में छात्र संघ चुनाव: छात्रों की भागीदारी और मुद्दे

दिल्ली विश्वविद्यालय में छात्र संघ चुनाव का आयोजन हो रहा है, जिसमें हजारों छात्र अपने पसंदीदा उम्मीदवारों को चुनने के लिए मतदान कर रहे हैं। यह चुनाव न केवल DU के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि इसकी गूंज राष्ट्रीय राजनीति में भी सुनाई देती है। जानें मतदान की प्रक्रिया, समय और इस बार के प्रमुख मुद्दे जैसे हॉस्टल की कमी, बढ़ी हुई फीस और महिला सुरक्षा। नतीजे 20 सितंबर को घोषित किए जाएंगे, जो यह तय करेंगे कि इस बार छात्र राजनीति में किस संगठन का वर्चस्व रहेगा।
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दिल्ली विश्वविद्यालय में छात्र संघ चुनाव: छात्रों की भागीदारी और मुद्दे

दिल्ली विश्वविद्यालय में चुनावी माहौल

दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) में आज छात्र राजनीति का एक महत्वपूर्ण दिन है। दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (DUSU) के चुनावों के लिए मतदान सुबह से जारी है। हजारों छात्र अपने पसंदीदा उम्मीदवारों को चुनने के लिए कॉलेजों में लंबी कतारों में खड़े हैं, ताकि वे छात्र संघ के चार प्रमुख पदों - अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव और संयुक्त सचिव के लिए अपने प्रतिनिधियों का चयन कर सकें। यह चुनाव केवल DU के परिसर तक सीमित नहीं है, बल्कि इसकी गूंज राष्ट्रीय राजनीति में भी सुनाई देती है। ABVP, NSUI, AISA और CYSS जैसे प्रमुख छात्र संगठन इस चुनाव में अपनी पूरी ताकत झोंकते हैं.


मतदान की प्रक्रिया और समय


कौन वोट डाल सकता है? DU से जुड़े किसी भी कॉलेज या विभाग के अंडरग्रेजुएट (UG) और पोस्टग्रेजुएट (PG) नियमित छात्रों, जिनकी उपस्थिति पूरी है, वोट डालने के लिए योग्य हैं।


मतदान का समय: सुबह कॉलेजों के लिए: 8:30 बजे से 1:00 बजे तक। शाम कॉलेजों के लिए: 3:00 बजे से 7:30 बजे तक।


वोट डालने के लिए आवश्यक दस्तावेज: छात्रों को वोट डालने के लिए अपना कॉलेज आईडी कार्ड और एक सरकारी पहचान पत्र (जैसे आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, आदि) लाना अनिवार्य है।


नतीजों की घोषणा


सभी वोटों की गिनती 20 सितंबर को की जाएगी और शाम तक नतीजों की घोषणा की जाएगी। इस दिन यह भी स्पष्ट होगा कि इस बार DU की छात्र राजनीति पर किस संगठन का वर्चस्व रहेगा।


महत्वपूर्ण मुद्दे


इस वर्ष के चुनाव में छात्रों के लिए कई महत्वपूर्ण मुद्दे हैं, जैसे हॉस्टल की कमी, बढ़ी हुई फीस, महिला सुरक्षा, बेहतर बुनियादी ढांचा और कैंपस में परिवहन की सुविधाएं। सभी छात्र संगठन इन मुद्दों पर छात्रों से वोट मांग रहे हैं। DUSU चुनाव केवल एक छात्र संघ का चुनाव नहीं है, बल्कि यह भविष्य के नेताओं की पहली सीढ़ी भी मानी जाती है। अब देखना यह है कि दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र इस बार किस पर भरोसा जताते हैं।