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देहरादून में बाढ़ से मुरादाबाद के परिवार पर आई विपत्ति: एक पति की दर्दनाक कहानी

उत्तराखंड के देहरादून में बाढ़ के कारण मुरादाबाद के एक परिवार पर आई विपत्ति की कहानी। अजय पाल ने अपनी पत्नी को खो दिया और अपनी जान बचाने के लिए संघर्ष किया। यह कहानी न केवल दर्दनाक है, बल्कि यह हमें प्राकृतिक आपदाओं के प्रति जागरूक भी करती है। जानें कैसे अजय ने अपने परिवार को खोया और अपनी जान बचाई।
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देहरादून में बाढ़ से मुरादाबाद के परिवार पर आई विपत्ति: एक पति की दर्दनाक कहानी

मुरादाबाद में बाढ़ का कहर

मुरादाबाद:- उत्तराखंड के देहरादून में अचानक बादल फटने से बाढ़ आई, जिससे मुरादाबाद के 11 लोग बह गए। इनमें से 7 लोगों की जान चली गई। एक बचे हुए व्यक्ति ने अपनी आपबीती सुनाते हुए बताया कि कैसे अचानक नदी में 6 फीट पानी आ गया। उसकी पत्नी का हाथ उसके हाथ में था, और दोनों ने बचने की कोशिश की। लेकिन अचानक एक पत्थर से टकराने के कारण उसकी पत्नी का हाथ छूट गया और वह पानी में बह गई। अब उसके चार बच्चों के सिर से मां का साया उठ गया है।


अजय पाल की दर्दनाक कहानी

देहरादून में बादल फटने से हुई तबाही का मंजर बयां करना मुश्किल है। मुरादाबाद के बिलारी तहसील के मुड़िया जैन गांव के 6 लोगों की जान चली गई। अजय पाल, जिसने अपनी पत्नी को खोया, ने हादसे के बारे में बताते हुए कहा कि वह और उसकी पत्नी किरण 14 अन्य लोगों के साथ एक ट्रैक्टर ट्राली पर काम पर जा रहे थे। अचानक नदी में 6 फीट से अधिक पानी आ गया, जिससे ट्राली पलट गई और सभी लोग पानी में गिर गए।


पत्नी को बचाने की कोशिश

पत्नी को बचाने का प्रयास लेकिन पत्थर से टकराने से छूटा पत्नी का हाथ:-

अजय ने अपनी पत्नी का हाथ पकड़े रहने की कोशिश की, लेकिन किस्मत ने कुछ और ही लिखा था। कुछ देर तक वह अपनी पत्नी का हाथ पकड़े रहा, लेकिन अचानक एक पत्थर से टकराने के कारण उसका हाथ छूट गया। उसकी पत्नी किरण पानी में बह गई और उसकी मौत हो गई।


पेड़ पकड़कर बचाई जान

पेड़ पकड़कर बचायी जान :-

अजय पाल ने नदी के तेज बहाव में एक पेड़ को पकड़कर अपनी जान बचाई। पत्नी का हाथ छूटने के बाद, उसने तैरकर खुद को बचाने की कोशिश की और लगभग एक किलोमीटर दूर जाकर एक पेड़ पकड़ा। करीब चार किलोमीटर बाद वह पेड़ किनारे लगा और उसकी जान बच गई।


अंतिम संस्कार की पीड़ा

अजय की पत्नी का अंतिम संस्कार हाल ही में हुआ, लेकिन वह इसमें शामिल नहीं हो सका। वह घर पर दर्द से कराहता रहा, जबकि उसके बेटे ने मां का अंतिम संस्कार किया।