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नक्सलियों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की तैयारी

छत्तीसगढ़ और उसके आस-पास के राज्यों में नक्सलियों के खिलाफ एक निर्णायक कार्रवाई की योजना बनाई जा रही है। रायपुर में हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में चार राज्यों के पुलिस प्रमुखों ने मिलकर एक संयुक्त ऑपरेशन की रणनीति बनाई है। इस ऑपरेशन का उद्देश्य नक्सलियों को घेरकर उन्हें आत्मसमर्पण के लिए मजबूर करना है। इसके साथ ही, ग्रामीण इलाकों में हेल्थ और एजुकेशन कैंप लगाने की भी योजना है। केंद्रीय गृह मंत्री ने 2026 तक नक्सलवाद के अंत का आश्वासन दिया है।
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नक्सलियों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की तैयारी

नक्सलियों पर बड़ा हमला

Naxalites: छत्तीसगढ़ और उसके आस-पास के राज्यों में नक्सलियों के खिलाफ एक निर्णायक कार्रवाई की योजना बनाई जा रही है। रायपुर में आयोजित एक उच्च स्तरीय बैठक में चार राज्यों - छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, ओडिशा और तेलंगाना के पुलिस प्रमुख, पैरामिलिट्री बल और इंटेलिजेंस ब्यूरो के अधिकारी शामिल हुए। इस बैठक में यह निर्णय लिया गया कि बारिश के बाद एक बड़े संयुक्त ऑपरेशन का आयोजन किया जाएगा, जिसका उद्देश्य नक्सलियों को पूरी तरह से घेरना और उन्हें आत्मसमर्पण के लिए मजबूर करना है।


संयुक्त ऑपरेशन की रणनीति

सूत्रों के अनुसार, यह ऑपरेशन नक्सलियों के खिलाफ अंतिम प्रहार साबित होगा। बैठक में अंतर-राज्य समन्वय पर विशेष ध्यान दिया गया ताकि नक्सली एक राज्य से भागकर दूसरे राज्य में न छिप सकें। सभी राज्यों ने आपस में खुफिया जानकारी साझा करने का निर्णय लिया है। इसके अलावा, जंगलों में छिपे नक्सलियों को खोजने और समाप्त करने के लिए पुलिस और पैरामिलिट्री बलों की संयुक्त टीमें तैनात की जाएंगी।


सुरक्षा और विकास के उपाय

हेल्थ और एजुकेशन कैंप की योजना

बैठक में सुरक्षा बलों के कैंपों की संख्या बढ़ाने और ग्रामीण क्षेत्रों में हेल्थ और एजुकेशन कैंप लगाने पर भी चर्चा की गई, ताकि स्थानीय लोगों का पुलिस और सुरक्षा बलों पर विश्वास बढ़ सके। अधिकारियों ने हाल के नक्सली हमलों की समीक्षा की और संवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षा बलों की तैनाती को मजबूत करने का निर्णय लिया।


नक्सलवाद का अंत

2026 तक नक्सलवाद का सफाया

यह ध्यान देने योग्य है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पहले ही घोषणा कर चुके हैं कि 31 मार्च 2026 तक देश से नक्सलवाद का पूरी तरह अंत कर दिया जाएगा। इस बैठक में बनाई गई रणनीति के बाद यह स्पष्ट है कि नक्सलियों के पास आत्मसमर्पण करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा। मुठभेड़ की स्थिति में उनका सफाया निश्चित है।