नवंबर में टमाटर की खेती: सर्वोत्तम किस्में और तकनीकें
टमाटर की खेती का महत्व
टमाटर एक ऐसी फसल है जिसकी मांग हर मौसम में बनी रहती है। इसका उपयोग चटनी, सलाद और सब्जियों में किया जाता है, जिससे यह किसानों के लिए एक प्रमुख फसल बन जाती है। वर्तमान में, नवंबर का महीना चल रहा है, और यह टमाटर की खेती का सही समय है। इस लेख में, हम आपको खेती के तरीकों और कुछ विशेष किस्मों के बारे में जानकारी देंगे, जो आपकी आय को बढ़ाने और जोखिम को कम करने में मदद करेंगी।
नवंबर में टमाटर की खेती के लिए सुझाव
पश्चिम चम्पारण के माधोपुर स्थित कृषि विज्ञान केंद्र के विशेषज्ञों का कहना है कि टमाटर की खेती किसानों के लिए लाभकारी हो सकती है। इसे रबी फसलों के मौसम (अक्टूबर-नवंबर) में कम तापमान पर लगाया जा सकता है।
हल्की दोमट या बलुई मिट्टी टमाटर की खेती के लिए सबसे उपयुक्त मानी जाती है। अच्छी पैदावार के लिए तापमान 20-25°C के बीच होना चाहिए, इसलिए पॉलीहाउस में इसकी खेती अधिक लाभकारी हो सकती है।
सही किस्मों का चयन
किस्मों के चयन में, किसान पूसा रूबी, पूसा अर्ली ड्वार्फ, पूसा 120, आर्का विकास, और आर्का अभिजीत जैसी किस्मों का उपयोग कर सकते हैं। हालांकि, इन्हें लगाने से पहले क्षेत्रीय कृषि वैज्ञानिकों से सलाह लेना आवश्यक है ताकि किसी भी प्रकार के नुकसान से बचा जा सके।
खेती की प्रक्रिया
बीजों की तैयारी और बुवाई के सही तरीके पर ध्यान देना आवश्यक है। बुवाई से पहले बीजों को फफूंदनाशक से उपचारित करना चाहिए ताकि रोगों से बचाव हो सके। इसके बाद, नर्सरी बेड में अच्छी मिट्टी और गोबर की खाद मिलाकर बुवाई करें। लगभग 4 से 6 सप्ताह बाद पौधे तैयार हो जाते हैं। पौधों को मुख्य खेत में रोपने से पहले मिट्टी को अच्छी तरह जोतकर तैयार करें। पौधों के बीच 60-75 सेंटीमीटर की दूरी बनाए रखना उचित होता है।
बीमारियों से सुरक्षा के उपाय
टमाटर की फसल को कीटों और बीमारियों से बचाने के लिए कुछ विशेष उपाय अपनाए जा सकते हैं। सफेद मक्खी, चेपा, और फल छेदक कीट टमाटर के प्रमुख दुश्मन हैं, इनसे बचाव के लिए जैविक कीटनाशकों का उपयोग करें। इसके अलावा, पत्तियों का पीला पड़ना, तना गलन, और फल सड़न जैसी बीमारियों से बचने के लिए रोग प्रतिरोधी किस्मों का चयन और समय-समय पर कीटनाशकों का छिड़काव आवश्यक है।
