पंजाब में एम्बुलेंस सेवा: हर आपदा में जनता के साथ

पंजाब की एम्बुलेंस सेवा की उपलब्धियां
पंजाब समाचार: भगवंत मान की सरकार ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया है कि जनहित उनके लिए सर्वोपरि है। चाहे आपात स्थिति हो या कोई प्राकृतिक आपदा, पंजाब की एम्बुलेंस सेवा हमेशा लोगों की जान बचाने के लिए तत्पर रहती है। पिछले वर्ष से अब तक, सरकार ने राज्य में कई आधुनिक, जीपीएस-सुसज्जित एम्बुलेंसों को सेवा में शामिल किया है। जुलाई 2024 में मुख्यमंत्री भगवंत मान ने 58 नई हाई-टेक एम्बुलेंसों को हरी झंडी दिखाई थी, और इसी वर्ष जून 2025 में 46 और अत्याधुनिक एम्बुलेंसों को राज्य के बेड़े में जोड़ा गया। इस प्रकार, पंजाब में कुल 371 सरकारी एम्बुलेंसें हर जिले और कस्बे में मरीजों को त्वरित सहायता प्रदान कर रही हैं।
सरकार ने शहरी क्षेत्रों में 15 मिनट और ग्रामीण क्षेत्रों में 20 मिनट के भीतर एम्बुलेंस की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए सख्त समय सीमा निर्धारित की है। केवल जनवरी से जुलाई 2024 के बीच, एक लाख से अधिक मरीजों को सुरक्षित अस्पताल पहुंचाया गया, जिनमें 10,737 दिल के मरीज और 28,540 गर्भवती महिलाएं शामिल थीं। इन एम्बुलेंसों में 80 बच्चों का सुरक्षित जन्म भी हुआ।
हाल ही में आए बाढ़ संकट के दौरान मान सरकार की संवेदनशीलता और दूरदर्शिता का एक बड़ा उदाहरण देखने को मिला। जब पानी ने सड़कों और गांवों को डुबो दिया, तब सरकार ने नावों, ट्रैक्टरों और अस्थायी फ्लोट्स को 'बोट एम्बुलेंस' में परिवर्तित कर दिया। इनसे गांव-गांव तक दवाइयां पहुंचाई गईं और जरूरतमंद मरीजों को सुरक्षित अस्पताल पहुंचाया गया। इन कठिन परिस्थितियों में भी चार बच्चों का सुरक्षित जन्म हुआ और कई लोगों की जान समय पर बचाई गई।
जीपीएस आधारित आधुनिक एम्बुलेंस
यह सब संभव हो सका क्योंकि मान सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं को अपनी प्राथमिकता बनाया है। जीपीएस आधारित आधुनिक एम्बुलेंस, सड़क सुरक्षा बल और 108 हेल्पलाइन के साथ मिलकर अब पंजाबवासियों को हर आपात स्थिति में त्वरित और विश्वसनीय सेवा मिल रही है।
हर आपदा में सरकार का समर्थन
मुख्यमंत्री मान ने कहा है कि 'हमारी सरकार का उद्देश्य हर पंजाबी की जान की रक्षा करना है। चाहे सड़क दुर्घटना हो, दिल का दौरा पड़े या बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदा, पंजाब की एम्बुलेंस सेवा हर कठिनाई में जनता के साथ है। मान सरकार की कोशिशों ने यह विश्वास दिलाया है कि पंजाब में अब कोई भी मरीज या उसका परिवार अकेला नहीं है और हर आपदा में सरकार उनके साथ खड़ी है।'