पंजाब में ऐतिहासिक श्री काली माता मंदिर का नवीनीकरण: 75 करोड़ का प्रोजेक्ट शुरू
 
                           
                        मुख्यमंत्री और आप नेता ने किया मंदिर नवीनीकरण का शुभारंभ
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने आज ऐतिहासिक श्री काली माता मंदिर के नवीनीकरण और संवर्द्धन के लिए 75 करोड़ रुपये के एक महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया। इस अवसर पर दोनों नेताओं ने कहा कि यह परियोजना राज्य सरकार की जनकल्याण और सांस्कृतिक संरक्षण के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक है।
केजरीवाल ने नवीनीकरण के महत्व पर प्रकाश डाला
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पिछले वर्षों में विभिन्न सरकारों ने धार्मिक और सामाजिक कार्यों को प्राथमिकता नहीं दी। अब उन्हें यह अवसर मिला है कि वे मंदिर की ऐतिहासिक और आध्यात्मिक महत्ता को बनाए रखें। उन्होंने यह भी बताया कि नवीनीकरण का कार्य अगले एक वर्ष में पूरा कर लिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि श्री काली माता मंदिर उत्तरी भारत के सबसे प्रतिष्ठित और ऐतिहासिक मंदिरों में से एक है, जो पंजाब की समृद्ध आध्यात्मिक और शाही विरासत का प्रतीक है। मंदिर परिसर में काली माता के मुख्य मंदिर के साथ-साथ शक्ति के ब्रह्म स्वरूप श्री राज राजेश्वरी जी का प्राचीन मंदिर भी है। यह स्थल न केवल आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि वास्तुकला की दृष्टि से भी अद्वितीय है। मंदिर में प्रतिदिन लगभग 10,000 श्रद्धालु आते हैं, जबकि शनिवार को यह संख्या 40,000 तक पहुंच जाती है। नवरात्रि के दौरान श्रद्धालुओं की संख्या एक लाख तक पहुंच जाती है।
नवीनीकरण के लिए कई प्रोजेक्ट की घोषणा
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान और केजरीवाल ने बताया कि मंदिर परिसर के नवीनीकरण के लिए कई प्रोजेक्ट शुरू किए गए हैं। इनमें मंदिर के सरोवर को भाखड़ा नहर से साफ पानी की आपूर्ति, मौजूदा सीवरेज सिस्टम और वर्षा जल निकासी का अपग्रेडेशन शामिल है।
इसके अलावा, मंदिर की आध्यात्मिकता और सुंदरता बढ़ाने के लिए सरोवर के पास लाइट एंड साउंड शो का निर्माण किया जाएगा, जिसकी लागत 6.78 करोड़ रुपये है। नई इमारत में 15.11 लाख रुपये की लागत से लिफ्ट भी लगाई जाएगी।
श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए नए रास्ते, गलियारे, चारदीवारी, प्रवेश द्वार और सरोवर संबंधी प्रोजेक्ट भी शुरू किए गए हैं। विशेष रूप से दूरदराज या आर्थिक रूप से कमजोर श्रद्धालुओं के लिए रोजाना लंगर सेवा की व्यवस्था की जाएगी।
पार्किंग और अन्य सुविधाओं का विस्तार
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रवेश द्वारों को पारंपरिक वास्तुकला के अनुसार पुनः डिज़ाइन किया जाएगा और बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आगमन के दौरान सुचारू आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए कतार प्रबंधन प्रणाली लागू की जाएगी।
मंदिर परिसर में मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है, जिसमें स्वच्छता, पार्किंग, ट्रैफिक और तीर्थ यात्रा की सभी सुविधाओं को शामिल किया गया है। बुजुर्ग, माताओं और विकलांग श्रद्धालुओं के लिए एयर-कंडीशंड संगत हॉल की सुविधा भी दी जाएगी।
भगवंत सिंह मान ने कहा कि श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए हॉल और 300 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था की गई है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि प्रदेश सरकार इस मंदिर को पंजाब के वास्तुकला और सांस्कृतिक विरासत के उत्कृष्ट नमूने के रूप में विकसित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
