Newzfatafatlogo

पंजाब में कृषि क्षेत्र में बदलाव: गन्ने की कीमतों में वृद्धि और फसली विविधता को बढ़ावा

पंजाब में मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में कृषि क्षेत्र में कई सकारात्मक बदलाव हुए हैं। गन्ने की रिकॉर्ड कीमतों में वृद्धि, फसली विविधता को बढ़ावा देने के लिए नई योजनाएं और पराली जलाने में कमी जैसे कदम किसानों के लिए लाभकारी साबित हो रहे हैं। कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने इन पहलों की जानकारी दी है, जो किसानों की आर्थिक सुरक्षा और पर्यावरणीय स्थिरता को सुनिश्चित करने में मदद कर रही हैं। जानें और क्या-क्या बदलाव हुए हैं।
 | 
पंजाब में कृषि क्षेत्र में बदलाव: गन्ने की कीमतों में वृद्धि और फसली विविधता को बढ़ावा

पंजाब में कृषि में सकारात्मक बदलाव


पंजाब में मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में वर्ष 2025 में कृषि क्षेत्र में कई सकारात्मक परिवर्तन देखने को मिले हैं। सरकार की विभिन्न पहलों, जैसे गन्ने की रिकॉर्ड कीमत, फसली विविधता को बढ़ावा देना और टिकाऊ कृषि प्रथाओं को अपनाना, किसानों के लिए लाभदायक और पर्यावरण के लिए स्थायी साबित हो रही हैं।


गुरमीत सिंह खुड्डियां का बयान

कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने बताया कि गन्ने की कीमत में वृद्धि किसानों की मेहनत का सम्मान करने और उनकी आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए की गई है। इस वर्ष गन्ने का स्टेट एग्रीड प्राइस 416 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 15 रुपये अधिक है और यह देश में सबसे ऊंची कीमतों में से एक है।


पराली जलाने में कमी

सरकार के प्रयासों के चलते खरीफ सीजन में पराली जलाने की घटनाओं में 53 प्रतिशत की कमी आई है। वर्ष 2025 में केवल 5,114 मामले सामने आए, जबकि 2024 में यह संख्या 10,909 थी। किसानों को फसली अवशेष प्रबंधन मशीनों पर सब्सिडी भी दी जा रही है, और अब तक 1.58 लाख मशीनें उपलब्ध कराई जा चुकी हैं। इस वर्ष 16,000 से अधिक मंजूरी पत्र जारी किए गए हैं।


फसली विविधता में वृद्धि

कपास की खेती में 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो अब 1.19 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गई है। किसानों को बी.टी. कॉटन बीजों पर 33 प्रतिशत सब्सिडी दी जा रही है, और 52,000 से अधिक किसानों ने ऑनलाइन पंजीकरण कर लाभ उठाया है। धान की सीधी बिजाई (डी.एस.आर.) तकनीक से भूमिगत जल संरक्षण में मदद मिली है, जिससे इस क्षेत्र में 17 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।


बासमती की खेती में वृद्धि

बासमती की खेती में भी वृद्धि हुई है, जो अब 6.90 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गई है, जिससे यह किसानों के लिए लाभदायक विकल्प बन गई है। फसली विविधता को बढ़ावा देने के लिए छह जिलों में पायलट प्रोजेक्ट शुरू किए गए हैं, जिसमें धान की जगह खरीफ मक्की की खेती कराई गई है। इस योजना के तहत किसानों को 17,500 रुपये प्रति हेक्टेयर और अन्य सहायता दी गई है, साथ ही बीजों पर सब्सिडी भी उपलब्ध कराई गई है।


कृषि मंत्री का दृष्टिकोण

कृषि मंत्री ने कहा कि इन पहलों से किसानों को सशक्त बनाने और टिकाऊ कृषि को बढ़ावा देने में मदद मिली है। गन्ने की रिकॉर्ड कीमत, डी.एस.आर. तकनीक, कपास बीजों पर सब्सिडी और फसली विविधता जैसी योजनाएं 2025 में पंजाब की कृषि के लिए मील का पत्थर साबित हुई हैं। सरकार वर्ष 2026 में भी नवीन और पर्यावरण अनुकूल कृषि प्रथाओं पर जोर देगी।