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पंजाब में नरमे की खेती में 20% की वृद्धि, कृषि मंत्री ने दी जानकारी

पंजाब में नरमे की खेती में इस वर्ष 20% की वृद्धि हुई है, जिससे कुल क्षेत्रफल 2.98 लाख एकड़ तक पहुंच गया है। कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने बताया कि फाजिल्का जिला सबसे आगे है। सरकार किसानों को नरमे के बीज पर 33% की सब्सिडी दे रही है और धान की जगह मक्का उगाने पर प्रोत्साहन राशि भी प्रदान करेगी। जानें इस विषय में और क्या जानकारी दी गई है।
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पंजाब में नरमे की खेती में 20% की वृद्धि, कृषि मंत्री ने दी जानकारी

नरमे की खेती में वृद्धि


कृषि मंत्री ने दी जानकारी


पंजाब के कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने बताया कि इस वर्ष राज्य में नरमे की खेती के क्षेत्र में लगभग 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। पिछले वर्ष 2.49 लाख एकड़ में नरमा बोया गया था, जो अब बढ़कर 2.98 लाख एकड़ हो गया है, जो 49,000 एकड़ की वृद्धि को दर्शाता है।


चंडीगढ़ में आयोजित एक बैठक में, जिसमें खरीफ सीजन और विभागीय परियोजनाओं की समीक्षा की गई, खुड्डियां ने कहा कि फाजिल्का जिला 60,121 हेक्टेयर के साथ नरमे की खेती में सबसे आगे है। इसके बाद मानसा (27,621 हेक्टेयर), बठिंडा (17,080 हेक्टेयर) और श्री मुक्तसर साहिब (13,240 हेक्टेयर) का स्थान है।


सरकार की सब्सिडी योजना

नरमे के बीज पर सब्सिडी


कृषि मंत्री ने बताया कि पंजाब सरकार किसानों को नरमे के बीज पर 33 प्रतिशत की सब्सिडी देगी। इस योजना के तहत 49,000 से अधिक किसान पहले ही ऑनलाइन पंजीकरण करवा चुके हैं। उन्होंने सभी मुख्य कृषि अधिकारियों को निर्देश दिया कि 15 जून तक सभी कपास उत्पादक किसानों का पंजीकरण सुनिश्चित किया जाए।


खुड्डियां ने खरीफ सीजन में मक्के की बुवाई की प्रगति पर भी संतोष व्यक्त किया, क्योंकि 1 जून से बुवाई शुरू होने के बाद केवल 9 दिनों में 54,000 एकड़ से अधिक क्षेत्र में मक्का बोई जा चुकी है।


धान की जगह मक्का उगाने पर प्रोत्साहन

प्रोत्साहन राशि की घोषणा


उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार धान की जगह मक्का उगाने वाले किसानों को 17,500 रुपए प्रति हेक्टेयर प्रोत्साहन राशि देगी। यह योजना बठिंडा, संगरूर, पठानकोट, गुरदासपुर, जालंधर और कपूरथला जिलों में लागू की जाएगी।


इस परियोजना का उद्देश्य 12,000 हेक्टेयर क्षेत्र को खरीफ मक्के की खेती के अधीन लाना है, जिससे फसल विविधिकरण को बढ़ावा मिले और भूमिगत जल की रक्षा हो सके। राज्य सरकार ने किसानों को मार्गदर्शन देने के लिए 200 किसान मित्रों की तैनाती की है।