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पंजाब में पराली जलाने के मामलों में कमी, सरकार की पहल सफल

पंजाब में पराली जलाने के मामलों में उल्लेखनीय कमी आई है, जहां 2025 में अब तक केवल 308 घटनाएं दर्ज की गई हैं। पिछले वर्षों की तुलना में यह संख्या काफी कम है, जिससे सरकार की जागरूकता और प्रयासों की सफलता का संकेत मिलता है। तरनतारन और अमृतसर में सबसे अधिक मामले सामने आए हैं। जानें इस विषय में और क्या कदम उठाए जा रहे हैं और किसानों को कैसे जागरूक किया जा रहा है।
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पंजाब में पराली जलाने के मामलों में कमी, सरकार की पहल सफल

पराली जलाने के मामलों में गिरावट


2025 में अब तक 308 मामले सामने आए, तरनतारन और अमृतसर में सबसे अधिक


चंडीगढ़ से मिली जानकारी के अनुसार, पंजाब सरकार और कृषि विभाग की कोशिशें धान के अवशेषों के प्रबंधन में सफल होती नजर आ रही हैं। इस सीजन में पूरे राज्य में केवल 308 पराली जलाने की घटनाएं दर्ज की गई हैं, जबकि पिछले वर्ष 2024 में यह संख्या 10,909 थी। 2023 में यह आंकड़ा 36,663 था। सरकार किसानों को पराली जलाने से रोकने और वैज्ञानिक तरीकों से प्रबंधन के लिए लगातार जागरूक कर रही है। इसके साथ ही, ब्लॉक स्तर पर समितियां बनाई गई हैं जो पराली जलाने वाले किसानों की पहचान कर कार्रवाई कर रही हैं।


पराली जलाने पर दर्ज एफआईआर

147 एफआईआर दर्ज की गईं


पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, अब तक 132 मामलों में पर्यावरण क्षतिपूर्ति के रूप में 6.5 लाख रुपये से अधिक का जुर्माना लगाया गया है, जिसमें से 4.70 लाख रुपये की वसूली की जा चुकी है। राज्य में पराली जलाने की घटनाओं के संबंध में 147 एफआईआर दर्ज की गई हैं, जिनमें तरनतारन में 61 और अमृतसर में 37 एफआईआर शामिल हैं।


तरनतारन में सबसे अधिक मामले

तरनतारन जिले में 113 मामले


तरनतारन जिले में पराली जलाने के सबसे अधिक 113 मामले सामने आए हैं, जबकि अमृतसर में 104 मामले दर्ज किए गए हैं। अन्य जिलों में, फिरोजपुर में 16, पटियाला में 15 और गुरदासपुर में 7 मामले सामने आए हैं। राज्य सरकार की अपील के बावजूद, किसान फसल अवशेष जलाने की प्रवृत्ति को जारी रखे हुए हैं।


पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने को अक्सर दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण के बढ़ने का कारण माना जाता है। अक्टूबर और नवंबर में धान की कटाई के बाद, रबी फसल की बुवाई के लिए समय कम होता है, जिससे कई किसान अगली फसल की तैयारी के लिए अपने खेतों में आग लगा देते हैं।