पंजाब में बागबानी को बढ़ावा देने के लिए नई योजनाएं: किसानों की आय में सुधार
पंजाब सरकार की बागबानी को बढ़ावा देने की पहल
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में, पंजाब सरकार बागबानी को प्रोत्साहित करने और किसानों की आय बढ़ाने के लिए ठोस कदम उठा रही है। बागबानी मंत्री मोहिंदर भगत के मार्गदर्शन में, राज्य का बागबानी विभाग किसानों को पारंपरिक खेती से आगे बढ़कर फसली विविधता अपनाने के लिए प्रेरित कर रहा है। इसके लिए तकनीकी सहायता के साथ-साथ विभिन्न सरकारी योजनाओं के तहत आर्थिक सहायता और सब्सिडी भी प्रदान की जा रही है।
बागबानी मंत्री की महत्वपूर्ण घोषणाएं
विभाग ने वर्ष 2025 में कई महत्वपूर्ण पहलों के माध्यम से बागबानी क्षेत्र को नई दिशा दी है। बागबानी मंत्री ने बताया कि पंजाब खेती से जुड़े बुनियादी ढांचे को मजबूत करने में अग्रणी राज्यों में से एक है। एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड (AIF) योजना को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए बागबानी विभाग को नोडल एजेंसी के रूप में नियुक्त किया गया है। इस योजना के तहत 30,000 से अधिक कृषि परियोजनाओं को लगभग 7100 करोड़ रुपये के ऋण स्वीकृत किए जा चुके हैं, जिससे किसानों और कृषि उद्यमियों को लाभ हुआ है।
बागबानी क्षेत्र में वृद्धि
सरकार के प्रयासों का परिणाम यह है कि राज्य में बागबानी के अंतर्गत आने वाला क्षेत्रफल लगातार बढ़ रहा है। पहले यह क्षेत्र लगभग 4.81 लाख हेक्टेयर था, जो अब बढ़कर लगभग 5.21 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया है। किसानों को आधुनिक तकनीकों से जोड़ने और उच्च मूल्य वाली फसलों की ओर प्रेरित करने के लिए लुधियाना के लाढोवाल में एक अत्याधुनिक बागबानी विकास केंद्र स्थापित किया जा रहा है, जो ज्ञान का एक समग्र केंद्र बनेगा।
'अपणा पिंड-अपणा बाग' अभियान की शुरुआत
राज्य सरकार ने 'अपणा पिंड-अपणा बाग' अभियान की शुरुआत की है, जिसके तहत गांवों की पंचायती जमीन पर फलदार पौधे लगाए जा रहे हैं। इन बागों से होने वाली आय का उपयोग गांवों के विकास कार्यों में किया जाएगा। नेशनल हॉर्टीकल्चर मिशन के अंतर्गत फल, सब्जी, फूल, मशरूम और मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने के लिए किसानों को 1575 लाख रुपये की वित्तीय सहायता दी गई है।
फूलों की खेती और अन्य योजनाएं
फूलों की खेती को प्रोत्साहित करने के लिए प्रति एकड़ 14,000 रुपये की सहायता दी जा रही है, जबकि फलों और सब्जियों की तुड़ाई के लिए उपयोग होने वाले प्लास्टिक क्रेट और कार्टन बॉक्स पर 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जा रही है। पानी और बिजली की बचत को ध्यान में रखते हुए ड्रिप सिंचाई और नए बाग लगाने वाले किसानों को अतिरिक्त प्रोत्साहन भी दिया जा रहा है। मशरूम उत्पादन की छोटी इकाइयों के लिए विशेष सब्सिडी की व्यवस्था की गई है।
राज्य में विभिन्न फलों के लिए एस्टेट स्थापित किए गए हैं और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग के तहत विशेष केंद्र विकसित किए जा रहे हैं। बाढ़ से प्रभावित सब्जी उत्पादक किसानों को भी उनकी लागत का एक हिस्सा सब्सिडी के रूप में दिया जा रहा है। सरकार का मानना है कि इन प्रयासों से बागबानी क्षेत्र मजबूत होगा और किसान आर्थिक रूप से सशक्त बनेंगे।
