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पंजाब में बाढ़ का कहर: 1.74 लाख हेक्टेयर फसलें बर्बाद

पंजाब में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है, जहां 1.74 लाख हेक्टेयर फसलें बर्बाद हो चुकी हैं। बाढ़ से मरने वालों की संख्या 46 तक पहुंच गई है, और हजारों लोग प्रभावित हुए हैं। राहत कार्यों में सेना और एनडीआरएफ की टीमें जुटी हुई हैं। जानें इस संकट के बारे में और अधिक जानकारी।
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पंजाब में बाढ़ का कहर: 1.74 लाख हेक्टेयर फसलें बर्बाद

बाढ़ की स्थिति गंभीर, जल जनित बीमारियों का खतरा


पंजाब में बाढ़ के कारण स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अब तक 1,74,454 हेक्टेयर फसलें बर्बाद हो चुकी हैं। फाजिल्का, कपूरथला, मानसा, फिरोजपुर, गुरदासपुर और तरनतारन जैसे क्षेत्रों में फसलों को सबसे अधिक नुकसान हुआ है। इसके अलावा, हजारों पशु या तो बाढ़ में बह गए हैं या डूबने से मर चुके हैं। बाढ़ ने ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों पर सबसे अधिक प्रभाव डाला है।


बाढ़ से मरने वालों की संख्या 46

बाढ़ के कारण मरने वालों की संख्या अब 46 हो गई है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, पठानकोट से लापता तीन लोगों का अभी तक कोई पता नहीं चला है। अमृतसर में सात, बरनाला में पांच, बठिंडा में चार, होशियारपुर में सात, गुरदासपुर में दो, लुधियाना में चार, पठानकोट में छह, मानसा में तीन, रूपनगर और मोहाली में दो-दो तथा फाजिल्का, फिरोजपुर, पटियाला और संगरूर में एक-एक व्यक्ति की जान जा चुकी है।


सेना ने राहत कार्यों की जिम्मेदारी संभाली

राहत और बचाव कार्यों में लगे सैन्य बलों ने अपनी टुकड़ियों की संख्या 24 से बढ़ाकर 27 कर दी है। एनडीआरएफ की 23 और एसडीआरएफ की दो टीमें भी लोगों की सहायता के लिए सक्रिय हैं। पंजाब सरकार ने 139 राहत शिविर स्थापित किए हैं, जहां 6121 लोगों को सुरक्षित रखा गया है। वर्तमान में, 1996 गांवों की 3,87,013 आबादी बाढ़ से प्रभावित है।


वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि पंजाब सरकार अपने संसाधनों से लोगों को राहत पहुंचाने का प्रयास कर रही है। यदि केंद्र सरकार विशेष राहत पैकेज और राज्य की बकाया राशि जारी कर दे, तो स्थिति में सुधार हो सकता है। उन्होंने कहा कि यह सदी की सबसे भयानक बाढ़ है, जिससे बाहर निकलने के लिए केंद्र सरकार की मदद की आवश्यकता है।