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पंजाब में वर्चुअल कोर्ट की स्थापना की तैयारी

पंजाब राज्य अनुसूचित जाति आयोग ने वर्चुअल कोर्ट की स्थापना की योजना बनाई है, जो जनवरी 2026 से कार्यशील होने की उम्मीद है। यह कदम एससी समुदाय की मदद के लिए उठाया जा रहा है। आयोग के अध्यक्ष जसवीर सिंह गढ़ी ने बताया कि दूरदराज के क्षेत्रों से लोग चंडीगढ़ आकर लंबा सफर तय करते हैं, जिससे उनका समय और धन बर्बाद होता है। इसके अलावा, हर जिले में नोडल अधिकारियों की नियुक्ति की गई है, जिससे मामलों का निपटारा किया जा सके। बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय भी लिए गए हैं।
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पंजाब में वर्चुअल कोर्ट की स्थापना की तैयारी

पंजाब में वर्चुअल कोर्ट की स्थापना


पुलिस विभाग ने नोडल अधिकारियों की नियुक्ति की है: जसवीर सिंह गढ़ी


चंडीगढ़: पंजाब राज्य अनुसूचित जाति आयोग जल्द ही राज्य में वर्चुअल कोर्ट की स्थापना करने जा रहा है। यह कोर्ट जनवरी 2026 से कार्यशील होने की उम्मीद है, जिसका उद्देश्य एससी समुदाय की सहायता करना है। यह जानकारी पंजाब राज्य अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष जसवीर सिंह गढ़ी ने दी, जो आयोग की 27वीं पूर्ण बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।


गढ़ी ने बताया कि पंजाब के दूरदराज के क्षेत्रों से लोग चंडीगढ़ आकर विभिन्न मामलों की सुनवाई के लिए लंबा सफर तय करते हैं, जिससे उनका समय और धन दोनों बर्बाद होते हैं। इस समस्या के समाधान के लिए अधिकारी वर्चुअल कोर्ट रूम स्थापित करने की दिशा में काम कर रहे हैं। नया कोर्ट रूम पंजाब सिविल सचिवालय की चौथी मंजिल पर बनाया जा रहा है, जो नवंबर तक तैयार हो जाएगा।


हर जिले में नोडल अधिकारियों की नियुक्ति

गढ़ी ने आगे बताया कि आयोग के प्रयासों से पंजाब के सभी जिलों में एससी/एसटी एक्ट के तहत मामलों के निपटारे के लिए एसपी स्तर के नोडल अधिकारियों की नियुक्ति की गई है। राज्य स्तर पर डीआईजी स्तर के अधिकारी नवीन सैनी और एआईजी सुरिंदरजीत कौर को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। विशेष डीजीपी नरेश अरोड़ा, गढ़ी के साथ मिलकर आयोग और पुलिस विभाग के बीच समन्वय को और मजबूत करेंगे।


बैठक में लिए गए निर्णय

बैठक में गढ़ी ने बताया कि पुलिस, स्थानीय निकाय, सामाजिक न्याय और अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों से एससी/एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 के तहत दर्ज मामलों की स्थिति की रिपोर्ट ली गई। इसके अलावा, आयोग की 26वीं बैठक में दिए गए निर्देशों के अनुसार विशेष हेल्पलाइन नंबर स्थापित करने, श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने और अन्य सुरक्षा उपायों पर चर्चा की गई।