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पंजाब में शिक्षा का नया अध्याय: 'बिज़नेस क्लास' से बनें उद्यमी

पंजाब ने शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए 'बिज़नेस क्लास' कोर्स की शुरुआत की है, जो छात्रों को उद्यमिता के लिए प्रेरित करेगा। यह कोर्स अब उच्च शिक्षा में अनिवार्य हो गया है, जिसका उद्देश्य युवाओं को नौकरी देने वाला बनाना है। इस पहल के तहत, छात्रों को व्यवसाय स्थापित करने के लिए आवश्यक कौशल सिखाए जाएंगे। पंजाब सरकार का लक्ष्य है कि 2028-29 तक 5 लाख छात्र इस कार्यक्रम से जुड़ें। जानें इस अभिनव पहल के बारे में और कैसे यह पंजाब को एक उद्यमिता केंद्र में बदलने में मदद करेगा।
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पंजाब में शिक्षा का नया अध्याय: 'बिज़नेस क्लास' से बनें उद्यमी

पंजाब में शिक्षा में क्रांतिकारी बदलाव


पंजाब: मुख्यमंत्री भगवंत मान की दूरदर्शिता और अरविंद केजरीवाल के शिक्षा मॉडल से प्रेरित होकर, पंजाब ने शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। राज्य सरकार ने कॉलेजों में पारंपरिक शिक्षा के साथ एक नया कार्यक्रम शुरू किया है, जो युवाओं को डिग्री के साथ-साथ अपना व्यवसाय स्थापित करने का अवसर प्रदान करता है। इस अभिनव पहल का नाम है 'बिज़नेस क्लास' या एंटरप्रेन्योरशिप माइंडसेट कोर्स।


कोर्स का अनिवार्य होना

यह कोर्स अब पंजाब की उच्च शिक्षा प्रणाली में अनिवार्य विषय के रूप में लागू हो चुका है। इसका मुख्य उद्देश्य युवाओं को 'नौकरी मांगने वाला' नहीं, बल्कि 'नौकरी देने वाला' बनाना है। मुख्यमंत्री मान ने कहा कि अब पंजाब का हर कॉलेज स्टार्टअप का केंद्र बनेगा और हर छात्र भविष्य का उद्योगपति होगा।


राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार, यह कोर्स 2025-26 सत्र से BBA, BCom, BTech और BVoc जैसे पाठ्यक्रमों में लागू किया जाएगा। इसकी शुरुआत में ही 20 विश्वविद्यालयों, 320 ITI और 91 पॉलिटेक्निक संस्थानों के लगभग 1.5 लाख छात्र 'बिज़नेस क्लास' से जुड़ चुके हैं।


'पंजाब बिज़नेस ब्लास्टर्स' मॉडल पर आधारित

यह कार्यक्रम स्कूल स्तर पर सफल रहे 'पंजाब बिज़नेस ब्लास्टर्स' मॉडल पर आधारित है, जिसने हजारों छात्रों को उद्यमिता का आत्मविश्वास दिया। अब यही सोच कॉलेजों में लागू की जा रही है ताकि शिक्षा केवल डिग्री तक सीमित न रहकर रोजगार सृजन का माध्यम बन सके।


कार्यक्रम का सबसे अनोखा हिस्सा है AI-सक्षम डिजिटल प्लेटफॉर्म 'पंजाब स्टार्टअप ऐप', जो छात्रों को आइडिया से लेकर बाजार तक की पूरी यात्रा में सहयोग देता है। यह ऐप पंजाबी, हिंदी और अंग्रेज़ी में उपलब्ध है और छात्रों को बिज़नेस प्लानिंग, मार्केटिंग, फाइनेंस मैनेजमेंट और निवेशकों से जुड़ने की सुविधा प्रदान करता है।


छात्रों के लिए मूल्यांकन प्रक्रिया

हर सेमेस्टर में छात्रों को एक नया बिज़नेस आइडिया विकसित करना होता है, उसका प्रोटोटाइप तैयार कर असली बाजार में बेचना होता है। उनकी मूल्यांकन प्रक्रिया परीक्षा नहीं बल्कि कमाई और नवाचार के आधार पर होती है। सफल छात्रों को प्रत्येक सेमेस्टर में 2 क्रेडिट पॉइंट्स दिए जाते हैं।


पंजाब सरकार का लक्ष्य

सरकार का लक्ष्य है कि 2028-29 तक 5 लाख छात्र इस कार्यक्रम से जुड़ें। लॉन्च के केवल 15 दिनों में 75,000 छात्रों ने 'पंजाब स्टार्टअप ऐप' पर रजिस्ट्रेशन किया और ₹25 लाख का बिज़नेस टर्नओवर दर्ज हुआ है।


पंजाब अब जॉब सीकर नहीं, जॉब गिवर बनाने की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है। यह पहल न केवल शिक्षा सुधार है बल्कि आत्मनिर्भर, स्वाभिमानी और आर्थिक रूप से सशक्त पंजाब की नींव रख रही है। एक ऐसा राज्य जहां हर कक्षा एक स्टार्टअप सेंटर है और हर छात्र एक संभावित उद्योगपति।