पंजाब में शिक्षा में क्रांति: 649 शिक्षकों को विदेश में प्रशिक्षण मिला
पंजाब सरकार की नई पहल
चंडीगढ़: पंजाब सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए 649 शिक्षकों, हेडमास्टर्स और प्रिंसिपलों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशिक्षण के लिए भेजा है। इस पहल का उद्देश्य राज्य के स्कूलों में शिक्षा प्रणाली में सुधार लाना है। इसमें 216 प्राथमिक शिक्षक फिनलैंड, 234 प्रिंसिपल और शिक्षा अधिकारी सिंगापुर, और 199 हेडमास्टर्स को IIM अहमदाबाद में प्रशिक्षित किया गया है। यह प्रक्रिया नवंबर 2025 तक जारी रहेगी।
इस महीने, शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने 72 शिक्षकों के तीसरे दल को फिनलैंड के यूनिवर्सिटी ऑफ तुर्कु में भेजा, जिससे फिनलैंड में प्रशिक्षित शिक्षकों की कुल संख्या 216 हो गई है। पहले दो दल (72+72 शिक्षक) अक्टूबर 2024 और मार्च 2025 में अपने प्रशिक्षण को पूरा कर चुके हैं। चयनित शिक्षकों में ब्लॉक प्राइमरी एजुकेशन अधिकारी, सेंटर हेड टीचर्स, हेड टीचर्स और ETT शिक्षक शामिल थे, जिन्होंने फिनलैंड की उन्नत शिक्षण विधियों का अनुभव लिया और उन्हें पंजाब की शिक्षा प्रणाली में लागू करना शुरू कर दिया है।
पंजाब सरकार ने 199 हेडमास्टर्स को आईआईएम अहमदाबाद में भेजा, जहां उन्होंने रणनीतिक नेतृत्व, स्कूल प्रबंधन, नवीन शिक्षा प्रवृत्तियों और मेंटॉरशिप में विशेषज्ञता हासिल की। चौथा दल हाल ही में नवंबर 2025 में प्रशिक्षण पूरा कर लौटा, जबकि दिसंबर में पांचवां दल जाएगा, जिससे हेडमास्टर्स की कुल संख्या 249 तक पहुंच जाएगी। प्रत्येक दल को 5 दिन की विशेष कार्यशाला में प्रबंधकीय और नेतृत्व कौशल सिखाए जाते हैं।
234 प्रिंसिपलों और शिक्षा अधिकारियों को सिंगापुर भेजा गया, जहां उन्होंने आधुनिक स्कूल प्रबंधन और नवाचार-आधारित नेतृत्व का प्रशिक्षण लिया। सिंगापुर के नेतृत्व विकास कार्यक्रमों में भाग लेने वाले प्रिंसिपल अब राज्य के स्कूलों में प्रशासनिक सुधार का नेतृत्व कर रहे हैं, जिसका प्रभाव पूरे राज्य के स्कूल तंत्र पर स्पष्ट रूप से देखा जा रहा है।
यह चयन प्रक्रिया मेरिट और पारदर्शिता के आधार पर की गई थी। पांच सदस्यीय चयन समिति ने शिक्षकों को उनकी योग्यता, अनुभव और प्रदर्शन के आधार पर चुना। प्रशिक्षित शिक्षक 'मास्टर ट्रेनर' के रूप में अपने समकक्षों को आधुनिक, छात्र-केंद्रित और नवाचारी शिक्षण विधियां सिखा रहे हैं, जिससे पूरे पंजाब में कक्षा-कक्ष की संस्कृति और गुणवत्ता में सुधार हो रहा है।
पंजाब सरकार की यह शिक्षा सुधार पहल छात्रों के हित में है और उनके भविष्य को उज्जवल बनाने का एक मजबूत आधार तैयार करती है। जब शिक्षक फिनलैंड, सिंगापुर और IIM अहमदाबाद जैसे विश्वस्तरीय संस्थानों में प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं, तो वे अपने कौशल और ज्ञान में वृद्धि करते हैं और नए शिक्षण तरीकों को अपने स्कूलों में लागू करते हैं। इससे छात्रों को आधुनिक, समग्र और छात्र-केंद्रित शिक्षा प्राप्त होती है, जो उनकी रचनात्मकता और आलोचनात्मक सोच को बढ़ावा देती है।
पंजाब सरकार की इस ऐतिहासिक पहल ने स्कूलों में शिक्षक स्वायत्तता, सहयोगी शिक्षा, और सामाजिक-भावनात्मक विकास में प्रभावी प्रगति की है। कुल 649 प्रशिक्षित शिक्षकों का यह चक्र राज्य की शिक्षा का चेहरा बदलने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रहा है। सरकार का संकल्प है कि ऐसे अभियानों को आगे भी निरंतर बढ़ाया जाएगा, ताकि पंजाबी विद्यार्थियों को विश्वस्तरीय, नवाचारी और भविष्य-उन्मुख शिक्षा मिल सके।
