पाकिस्तान की जासूसी योजना: भारतीय यूट्यूबर्स को फंसाने का खुलासा

पाकिस्तान की जासूसी योजना का खुलासा
पाकिस्तान जासूसी नेटवर्क: भारत के खिलाफ एक चौंकाने वाला जासूसी नेटवर्क सामने आया है, जिसमें पाकिस्तान पुलिस का पूर्व सब-इंस्पेक्टर नासिर और उसकी सहयोगी नौशाबा शहजाद, जिन्हें 'मैडम एन' के नाम से जाना जाता है, शामिल हैं। इन दोनों पर आरोप है कि उन्होंने ISI के निर्देश पर भारतीय यूट्यूबर्स को अपने जाल में फंसाकर भारत विरोधी प्रचार फैलाने की योजना बनाई। जांच एजेंसियों के अनुसार, नासिर को कुछ साल पहले ISI ने अपने नेटवर्क में शामिल किया था, जिसके बाद उसने पुलिस की नौकरी छोड़कर यूट्यूबर बनने का निर्णय लिया। नासिर और नौशाबा पाकिस्तान में एक ट्रैवल एजेंसी का संचालन भी करते हैं, जिसका उपयोग वे यूट्यूबर्स को पाकिस्तान बुलाने और उन्हें विशेष सुविधाएं देने के लिए करते थे।
भारतीय यूट्यूबर्स को फंसाने की योजना
सूत्रों के अनुसार, ये दोनों भारतीय यूट्यूबर्स को पाकिस्तान आने के लिए प्रेरित करते थे और उन्हें हाई कमीशन के अधिकारी दानिश से मिलवाते थे। दानिश इन यूट्यूबर्स को भारत में पाकिस्तान के लिए जासूसी करने का काम सौंपता था। मई में भारत ने दानिश को देश छोड़ने का आदेश दिया था।
कई यूट्यूबर्स की गिरफ्तारी
इस मामले की जांच में कई यूट्यूबर्स के नाम सामने आए हैं। हरियाणा की ट्रैवल व्लॉगर ज्योति मल्होत्रा को गिरफ्तार किया गया है, जबकि जसबीर सिंह नामक एक अन्य यूट्यूबर पर भारतीय सेना से संबंधित जानकारी लीक करने का आरोप है। पूछताछ में नासिर की संलिप्तता की पुष्टि हुई है।
नासिर फैसलाबाद में एक प्रॉपर्टी डीलर भी है और उसे महंगी गाड़ियों का शौक है। वह अपने वीडियो में भारतीय नागरिकों के पाकिस्तान में रहने वाले रिश्तेदारों से मिलने की बात करता है, ताकि एक भावनात्मक माहौल तैयार किया जा सके। लेकिन यह सब उसकी जासूसी गतिविधियों को छिपाने का एक तरीका है।
नासिर और नौशाबा यूट्यूबर्स को पाकिस्तान के पक्ष में वीडियो बनाने के लिए प्रेरित करते थे और इसके बदले में उन्हें वीजा, होटल में ठहरने की सुविधाएं और पैसे जैसी सहूलियतें प्रदान की जाती थीं।
सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स का खतरा
यह घटना स्पष्ट करती है कि ISI अब सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स को अपने प्रचार का एक उपकरण बना रही है। भारतीय एजेंसियों के लिए यह एक चेतावनी है कि उन्हें साइबर और सोशल मीडिया गतिविधियों पर कड़ी नजर रखनी होगी, ताकि भविष्य में ऐसे किसी भी नेटवर्क की पहचान समय पर की जा सके और उनके योजनाओं को विफल किया जा सके।