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पाकिस्तान ने अमेरिका को अरब सागर में नया पोर्ट बनाने का प्रस्ताव दिया

पाकिस्तान ने अमेरिका को अरब सागर में एक नया सिविलियन पोर्ट बनाने का प्रस्ताव दिया है, जो दोनों देशों के बीच व्यापारिक और आर्थिक संबंधों को मजबूत करने का प्रयास है। यह प्रस्ताव, जो लगभग 1.2 अरब अमेरिकी डॉलर की लागत का है, पासनी में स्थित होगा, जो ईरान के चाबहार पोर्ट के निकट है। इस योजना का उद्देश्य अमेरिका को क्षेत्र में अधिक रणनीतिक पकड़ बनाने का अवसर देना है। क्या यह प्रस्ताव अमेरिका और पाकिस्तान के बीच संबंधों को और मजबूत करेगा? जानें इस लेख में।
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पाकिस्तान ने अमेरिका को अरब सागर में नया पोर्ट बनाने का प्रस्ताव दिया

US-Pakistan Relations: नया पोर्ट प्रस्ताव

US-Pakistan Relations: इस्लामाबाद और वॉशिंगटन के बीच बढ़ते संबंधों के चलते, पाकिस्तान ने अमेरिका को अरब सागर में एक नया पोर्ट विकसित करने का प्रस्ताव दिया है। रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान ने अमेरिकी अधिकारियों से कहा है कि वे बालूचिस्तान के ग्वादर जिले के पास स्थित पासनी में एक सिविलियन पोर्ट का निर्माण और संचालन करें।


पासनी, ईरान के चाबहार पोर्ट के निकट है, जिसे भारत द्वारा विकसित किया जा रहा है। इस प्रस्ताव का उद्देश्य व्यापार और आर्थिक संबंधों को मजबूत करना है, और इसमें अमेरिकी सैन्य आधार शामिल नहीं हैं।


पाक ने अमेरिकाको दिया पोर्ट बनाने का ऑफर

रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान सेना के चीफ फील्ड मार्शल आसिम मुनिर के सलाहकारों ने अमेरिकी शीर्ष अधिकारियों से इस प्रस्ताव के संबंध में संपर्क किया है। प्रस्तावित पोर्ट परियोजना की लागत लगभग 1.2 अरब अमेरिकी डॉलर आंकी गई है।


इस पोर्ट को पाकिस्तान के आंतरिक हिस्सों से खनिजों के परिवहन के लिए एक नई रेलवे लाइन से जोड़ा जाएगा। योजना के ब्लूप्रिंट में उल्लेख है कि पासनी की ईरान और मध्य एशिया के निकटता अमेरिकी विकल्पों को व्यापार और सुरक्षा के क्षेत्र में बढ़ाती है। पासनी में सहभागिता ग्वादर के मुकाबले संतुलन बनाएगी और अरब सागर तथा मध्य एशिया में अमेरिकी प्रभाव को बढ़ाएगी।


चीन के ग्वादर निवेश और अमेरिकी हित

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव के तहत ग्वादर में किए जा रहे निवेश से दोहरे उपयोग (dual-use) संबंधी चिंताएँ उठती हैं। पाकिस्तान की यह योजना अमेरिका को क्षेत्र में अधिक रणनीतिक पकड़ बनाने का अवसर देती है।


ट्रंप की मुलाकात और बढ़ती दोस्ती

यह विकास ऐसे समय में आया है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शेहबाज शरीफ और मुनिर से व्हाइट हाउस में मुलाकात की थी। इस मुलाकात के दौरान, शरीफ और मुनिर ने ट्रंप को खनिज नमूनों का एक डिस्प्ले केस भी भेंट किया।


रिपोर्टों के अनुसार, ट्रंप के दोबारा सत्ता में आने के बाद अमेरिका और पाकिस्तान के बीच दोस्ताना संबंध बढ़ रहे हैं, जो भारत के लिए चिंता का विषय बन सकता है। पाकिस्तान ने ट्रंप के उस दावे की सराहना की जिसमें उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम में मध्यस्थता का दावा किया।


पाकिस्तान का दावा

एक पाकिस्तानी सलाहकार ने बताया कि भारत-पाकिस्तान के हालिया चार दिन के टकराव के बाद वॉशिंगटन-इस्लामाबाद संबंधों की पूरी नैरेटिव बदल गई। पाकिस्तान आशा करता है कि यह संबंध और मजबूत होगा। पिछले दो दशकों में हमने इस संबंध पर उतनी ध्यान नहीं दिया जितना देना चाहिए था। उस खालीपन में भारतीयों ने अपनी जगह बना ली।