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बांग्लादेश की धमकियों पर असम के मुख्यमंत्री का कड़ा जवाब: भारत की शक्ति को न करें कमतर

असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने बांग्लादेश में चल रही चर्चाओं पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने बांग्लादेश के कुछ राजनीतिक वर्गों की सोच पर सवाल उठाते हुए कहा कि भारत की सामरिक और आर्थिक शक्ति इतनी मजबूत है कि कोई भी देश उसकी क्षेत्रीय अखंडता को चुनौती नहीं दे सकता। सरमा ने बांग्लादेश को चेतावनी दी कि भारत किसी भी तरह की धमकी को बर्दाश्त नहीं करेगा। इस लेख में जानें कि कैसे बांग्लादेश के नेता ने भारत के पूर्वोत्तर राज्यों को लेकर विवादित बयान दिया और सरमा ने इसका जवाब कैसे दिया।
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बांग्लादेश की धमकियों पर असम के मुख्यमंत्री का कड़ा जवाब: भारत की शक्ति को न करें कमतर

मुख्यमंत्री सरमा की प्रतिक्रिया


गुवाहाटी: असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने बांग्लादेश में भारत के पूर्वोत्तर राज्यों को लेकर चल रही चर्चाओं पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि पिछले एक वर्ष से बांग्लादेश में भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र को अलग करने की बातें की जा रही हैं। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि ऐसी सोच पूरी तरह अव्यावहारिक है और इसे कभी भी लागू नहीं किया जा सकता।


भारत की शक्ति का उल्लेख

मुख्यमंत्री सरमा ने मीडिया से बातचीत में बताया कि भारत न केवल चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, बल्कि एक परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्र भी है। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश द्वारा ऐसी कल्पनाएं करना हास्यास्पद है। भारत की सामरिक, आर्थिक और सैन्य ताकत इतनी मजबूत है कि कोई भी देश उसकी क्षेत्रीय अखंडता को चुनौती देने की सोच भी नहीं सकता।


बांग्लादेश की मानसिकता पर सवाल

मुख्यमंत्री ने बांग्लादेश के कुछ राजनीतिक वर्गों की सोच पर सवाल उठाते हुए कहा कि वहां की मानसिकता खराब होती जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत को बांग्लादेश की मदद करते समय अधिक सतर्क रहना चाहिए। सरमा ने कहा कि यदि कोई देश भारत के खिलाफ इस तरह की बयानबाजी करता है, तो उसे समझना चाहिए कि भारत चुप नहीं बैठेगा।


विवाद का कारण

हिमंता बिस्वा सरमा की यह टिप्पणी बांग्लादेश की नवगठित नेशनल सिटिजन पार्टी (NCP) के नेता हसनत अब्दुल्ला के हालिया बयान के बाद आई है। अब्दुल्ला ने कहा था कि यदि भारत बांग्लादेश को "अस्थिर" करने की कोशिश करता है, तो ढाका को भारत के पूर्वोत्तर राज्यों को "अलग-थलग" करने पर विचार करना चाहिए।


सिलीगुड़ी कॉरिडोर पर बयान

हसनत अब्दुल्ला ने भारत के पूर्वोत्तर राज्यों को "भौगोलिक रूप से कमजोर" बताते हुए सिलीगुड़ी कॉरिडोर का उल्लेख किया। यह संकरा भू-भाग, जिसे 'चिकन नेक' कहा जाता है, पूर्वोत्तर भारत को देश के अन्य हिस्सों से जोड़ता है। इस पर अक्सर रणनीतिक चर्चाएं होती रहती हैं।


'चिकन नेक' पर चेतावनी

यह पहली बार नहीं है जब मुख्यमंत्री सरमा ने इस मुद्दे पर कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने पहले भी बांग्लादेश को सिलीगुड़ी कॉरिडोर को निशाना बनाने के खिलाफ चेतावनी दी थी। उन्होंने कहा था कि जो लोग भारत के 'चिकन नेक' को लेकर धमकियां देते हैं, उन्हें यह नहीं भूलना चाहिए कि बांग्लादेश के पास भी दो संवेदनशील भू-पट्टियां हैं।


बांग्लादेश के कमजोर कॉरिडोर

मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पर बताया कि बांग्लादेश के पास दो ऐसे कॉरिडोर हैं जो अत्यंत संवेदनशील हैं। पहला 80 किलोमीटर लंबा उत्तर बांग्लादेश कॉरिडोर है, जो दक्षिण दिनाजपुर से दक्षिण-पश्चिम गारो हिल्स तक फैला है। इसमें किसी भी रुकावट से रंगपुर डिवीजन देश के बाकी हिस्सों से कट सकता है। दूसरा 28 किलोमीटर लंबा चटगांव कॉरिडोर है, जो दक्षिण त्रिपुरा से बंगाल की खाड़ी तक जाता है।


स्पष्ट संदेश

मुख्यमंत्री सरमा के बयान को भारत की संप्रभुता और पूर्वोत्तर राज्यों की सुरक्षा को लेकर एक स्पष्ट संदेश के रूप में देखा जा रहा है। उन्होंने यह जताने की कोशिश की कि भारत किसी भी तरह की धमकी या दखल को बर्दाश्त नहीं करेगा और जरूरत पड़ने पर कड़ा जवाब देने में सक्षम है।