Newzfatafatlogo

बिजनौर में तेंदुए के हमले में 10 वर्षीय बच्ची की मौत

बिजनौर में एक तेंदुए ने 10 वर्षीय बच्ची की जान ले ली। बच्ची दूध लेने गई थी जब तेंदुए ने उस पर हमला किया। घटना के बाद ग्रामीणों ने तेंदुए का पीछा किया, लेकिन वह बच्ची को जंगल में ले गया। चिकित्सकों ने बच्ची को मृत घोषित कर दिया। यह घटना पिछले ढाई साल में तेंदुए के हमले का 33वां मामला है। जानें इस दुखद घटना के बारे में और जानकारी।
 | 
बिजनौर में तेंदुए के हमले में 10 वर्षीय बच्ची की मौत

बिजनोंर में तेंदुए का हमला

समाचार :- शुक्रवार की रात बिजनौर में एक तेंदुए ने 10 साल की एक बच्ची की जान ले ली। बच्ची अपने घर से 60 मीटर की दूरी पर स्थित दुकान से दूध लेने गई थी। जब वह दूध लेकर लौट रही थी, तभी झाड़ियों से निकलकर एक तेंदुआ उस पर झपट पड़ा और उसे अपनी गर्दन में दबाकर जंगल की ओर भाग गया।



बच्ची की चीख सुनकर उसके पिता और अन्य ग्रामीण तेंदुए की ओर दौड़े। तेंदुआ बच्ची को अपनी पकड़ में लेकर भाग रहा था। ग्रामीणों ने लाठियों के साथ तेंदुए का पीछा किया। लगभग 500 मीटर की दूरी पर तेंदुआ बच्ची को खेत में छोड़कर जंगल की ओर भाग गया।


परिजन बच्ची को सीएससी नगीना ले गए, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। डॉक्टरों के अनुसार, तेंदुए ने बच्ची की गर्दन तोड़ दी थी। उसके कंधे और चेहरे पर दांतों के निशान थे, और पीठ तथा छाती पर भी खरोंच के निशान पाए गए। इस समय वन विभाग की टीमें तेंदुए की तलाश में गांव में पेट्रोलिंग कर रही हैं। टीम ने रातभर सर्च अभियान चलाया, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली।


तेंदुए को पकड़ने के लिए पिंजरा भी लाया गया है और विभिन्न स्थानों पर ट्रैप कैमरे लगाए गए हैं। यह पहली बार नहीं है, पिछले ढाई साल में बिजनौर में तेंदुए के हमले में 32 लोगों की जान जा चुकी है।


परिजनों के अनुसार, बच्ची कक्षा 3 की छात्रा थी। उसके पिता प्रेम, जो मूल रूप से लखीमपुर के निवासी हैं, पिछले तीन साल से बिजनौर के नगीना देहात थाना क्षेत्र के कान्हेडा गांव में अपने परिवार के साथ रह रहे हैं। गुड़िया के अलावा प्रेम के दो और बच्चे हैं, जिसमें गुड़िया सबसे बड़ी थी। वह गांव के स्कूल में पढ़ाई कर रही थी। प्रेम, अमनदीप सिंह की डेरी पर पशुओं की देखभाल और खेती का काम करता था। अमनदीप ने बताया कि गुड़िया शुक्रवार रात 8 बजे दूध लेने गई थी, तभी यह दुखद घटना घटी।