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बिहार चुनाव में ज्योति देवी पर हमला: क्या है राजनीतिक परिवार की रणनीति?

गया जिले की बाराचट्टी विधानसभा सीट पर चुनाव प्रचार के दौरान HAM (सेक्यूलर) की उम्मीदवार ज्योति देवी पर हमले की घटना ने सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ा दी हैं। हमलावरों ने उन पर पत्थर फेंके, जिसके बाद उनका इलाज चल रहा है। इस घटना के साथ ही जीतन राम मांझी के परिवार के सदस्यों को टिकट वितरण की रणनीति भी चर्चा का विषय बनी हुई है। जानें इस राजनीतिक परिवार की चुनावी रणनीति और सुरक्षा पर उठे सवालों के बारे में।
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बिहार चुनाव में ज्योति देवी पर हमला: क्या है राजनीतिक परिवार की रणनीति?

ज्योति देवी पर चुनाव प्रचार के दौरान हमला


गया जिले की बाराचट्टी विधानसभा क्षेत्र में HAM (सेक्यूलर) की उम्मीदवार ज्योति देवी पर चुनाव प्रचार के दौरान एक हमले का सामना करना पड़ा। यह घटना सुलेबट्टा क्षेत्र में हुई, जहां कुछ असामाजिक तत्वों ने उन पर पत्थर फेंके। हमले के बाद ज्योति देवी का इलाज स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र में चल रहा है, लेकिन डॉक्टरों ने पुष्टि की है कि उनकी स्थिति स्थिर है।


खुली जीप में प्रचार के दौरान हमला

जानकारी के अनुसार, ज्योति देवी चुनाव प्रचार के दौरान खुली जीप में थीं। अचानक, भीड़ में से कुछ लोगों ने उन पर पत्थर फेंकना शुरू कर दिया। यह हमला उस समय हुआ जब बाराचट्टी सीट पर दूसरे चरण के मतदान की तैयारियां चल रही थीं। घटना के बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है।


राजनीतिक परिवार की टिकट वितरण रणनीति

ज्योति देवी केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी की समधन हैं। बाराचट्टी से उनकी उम्मीदवारी और परिवार के अन्य सदस्यों को टिकट देने के मुद्दे पर राजनीतिक चर्चाएं तेज हो गई हैं। एनडीए के सीट बंटवारे में जीतन राम मांझी की पार्टी HAM को कुल 6 सीटें मिली थीं, जिनमें से तीन टिकट उनके परिवार के सदस्यों को दिए गए हैं।


परिवारिक टिकट बंटवारा:


1. बहू दीपा कुमारी को इमामगंज सीट से उम्मीदवार बनाया गया।
2. समधन ज्योति देवी को बाराचट्टी से उम्मीदवार बनाया गया।
3. दामाद प्रफुल्ल कुमार मांझी को जमुई जिले की सिकंदरा सीट से HAM का उम्मीदवार बनाया गया।


इसके अलावा, भूमिहार बिरादरी से आने वाले नेता अनिल कुमार के परिवार को भी दो टिकट दिए गए हैं। गया जिले की टिकारी सीट से उन्हें और उनके भतीजे रोमित कुमार को अतरी सीट से उम्मीदवार बनाया गया है।


सुरक्षा पर उठे सवाल

HAM पार्टी के इस कदम से स्पष्ट होता है कि परिवारिक और समुदाय आधारित टिकट वितरण इस बार भी चुनावी रणनीति का हिस्सा है। जीतन राम मांझी की पार्टी ने न केवल अपने परिवार के सदस्यों को मजबूत पोजीशन देने का प्रयास किया है, बल्कि जातिगत समीकरणों को भी ध्यान में रखा है।


ज्योति देवी पर हुए हमले के बाद सुरक्षा को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं। पुलिस इस मामले की जांच कर रही है और असामाजिक तत्वों की पहचान कर कार्रवाई करने की योजना बना रही है।