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बिहार चुनाव में तेजस्वी और तेज प्रताप यादव के बीच बढ़ता तनाव: क्या है असली वजह?

बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान तेजस्वी और तेज प्रताप यादव के बीच बढ़ते राजनीतिक तनाव ने एक नई दिशा ले ली है। पटना एयरपोर्ट पर हुई उनकी मुलाकात ने यह स्पष्ट कर दिया है कि परिवार में मतभेद गहराते जा रहे हैं। तेजस्वी महागठबंधन के मुख्यमंत्री उम्मीदवार हैं, जबकि तेज प्रताप ने अपनी नई पार्टी बनाई है। क्या यह राजनीतिक मतभेद हैं या व्यक्तिगत दूरी? जानें इस लेख में।
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बिहार चुनाव में तेजस्वी और तेज प्रताप यादव के बीच बढ़ता तनाव: क्या है असली वजह?

बिहार में चुनावी माहौल और परिवारिक तनाव


बिहार: बिहार में विधानसभा चुनाव का माहौल गरमाता जा रहा है, और इसी बीच लालू प्रसाद यादव के दोनों बेटे, तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव के बीच का राजनीतिक तनाव एक बार फिर सुर्खियों में है। पटना एयरपोर्ट पर दोनों भाइयों का आमना-सामना हुआ, लेकिन न तो उन्होंने एक-दूसरे का अभिवादन किया और न ही बातचीत की। यह घटना एक बार फिर यह दर्शाती है कि लालू परिवार में मतभेद गहराते जा रहे हैं।


पटना एयरपोर्ट पर टकराव का सन्नाटा

पटना एयरपोर्ट पर टकराव जैसा सन्नाटा
तेज प्रताप यादव चुनाव प्रचार के लिए पटना एयरपोर्ट पहुंचे थे। वह एयरपोर्ट के ड्यूटी फ्री जोन में कुछ सामान खरीद रहे थे, तभी उनके छोटे भाई तेजस्वी यादव भी वहां पहुंचे। तेजस्वी के साथ वीआईपी पार्टी के प्रमुख मुकेश सहनी भी थे। दोनों भाई कुछ ही मीटर की दूरी पर खड़े थे, लेकिन एक-दूसरे से नजरें तक नहीं मिलाईं। तेजस्वी ने वहां मौजूद पत्रकार से मजाक करते हुए कहा, “क्या भैया शॉपिंग करा रहे हैं?”


राजनीतिक दरार का खुलासा

खुलकर सामने आ रहे राजनीतिक दरार 
इस बार के विधानसभा चुनाव में तेजस्वी यादव महागठबंधन के मुख्यमंत्री उम्मीदवार के रूप में सक्रिय हैं। उन्हें अपने पिता लालू यादव का पूरा समर्थन प्राप्त है और वह एनडीए के खिलाफ मोर्चा संभाल रहे हैं। दूसरी ओर, तेज प्रताप यादव ने हाल ही में जनशक्ति जनता दल नामक नई पार्टी की स्थापना की है और वह अपनी पार्टी के लिए चुनावी मैदान में पूरी ताकत से जुटे हैं। खास बात यह है कि तेज प्रताप ने रोघोपुर सीट से तेजस्वी यादव के खिलाफ उम्मीदवार खड़ा किया है, जिससे यादव परिवार के भीतर राजनीतिक दरार खुलकर सामने आ गई है।


क्या यह राजनीतिक मतभेद हैं या व्यक्तिगत दूरी?

राजनीतिक मतभेद या व्यक्तिगत दूरी?
लालू यादव का परिवार लंबे समय से बिहार की राजनीति का एक महत्वपूर्ण चेहरा रहा है, लेकिन अब उनके दोनों बेटों की राहें अलग होती दिख रही हैं। पहले भी दोनों भाइयों के बीच राजनीतिक मतभेदों की चर्चा होती रही है, लेकिन पटना एयरपोर्ट की यह घटना इस बात की पुष्टि करती है कि अब यह सिर्फ अटकलें नहीं रह गई हैं।


एयरपोर्ट पर मौन भेंट का महत्व

एयरपोर्ट पर हुई मौन भेंट 
पटना एयरपोर्ट पर हुई यह ‘मौन भेंट’ बिहार चुनाव से पहले का एक बड़ा संकेत है कि लालू परिवार में अब एकता की बजाय राजनीतिक प्रतिस्पर्धा ने जगह ले ली है। तेजस्वी जहां गठबंधन की राजनीति के केंद्र में हैं, वहीं तेज प्रताप अपनी नई राजनीतिक दिशा तय करने में लगे हैं। बिहार की राजनीति में इस पारिवारिक खींचतान का असर चुनावी परिणामों पर देखने को मिल सकता है।