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बिहार में जन सुराज पार्टी के खिलाफ एफआईआर, प्रदर्शन में बढ़ी राजनीतिक गर्मी

बिहार में जन सुराज पार्टी के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बाद राजनीतिक गर्मी बढ़ गई है। प्रशांत किशोर और उनके समर्थकों ने विधानसभा घेराव की कोशिश की, जिसके चलते पुलिस से झड़पें भी हुईं। पार्टी ने गरीबों के लिए आर्थिक सहायता और भूमि आवंटन की मांग की है। प्रशांत किशोर ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो वे मुख्यमंत्री आवास का घेराव करेंगे। जानें इस घटनाक्रम की पूरी जानकारी।
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बिहार में जन सुराज पार्टी के खिलाफ एफआईआर, प्रदर्शन में बढ़ी राजनीतिक गर्मी

बिहार में राजनीतिक तनाव का नया दौर

बिहार में राजनीतिक गतिविधियाँ एक बार फिर से तेज हो गई हैं। जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर और उनके सैकड़ों समर्थकों के खिलाफ पटना पुलिस ने गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया है। यह कार्रवाई उस समय हुई जब पार्टी ने अपनी तीन मुख्य मांगों को लेकर विधानसभा का घेराव करने का प्रयास किया।


एफआईआर में नामजद आरोपियों की सूची

पटना के सचिवालय थाने में दर्ज की गई एफआईआर में प्रशांत किशोर के अलावा पार्टी के राज्य अध्यक्ष मनोज भारती, प्रवक्ता विवेक कुमार, यूट्यूबर और राजनीतिक कार्यकर्ता मनीष कश्यप सहित नौ लोगों का नाम शामिल है। इसके साथ ही लगभग 2,000 अज्ञात कार्यकर्ताओं को भी आरोपी बनाया गया है। पुलिस का कहना है कि 23 जुलाई को जन सुराज पार्टी ने बिना अनुमति के विधानसभा घेराव की योजना बनाई थी, जिसके लिए प्रशासन ने सभी रास्तों को बैरिकेडिंग कर सील कर दिया था।


प्रदर्शन में पुलिस से झड़प

प्रदर्शन का रूट बदला, पुलिस से हुई झड़प

एफआईआर के अनुसार, प्रदर्शनकारी निर्धारित मार्ग के बजाय एयरपोर्ट रोड होते हुए पटेल गोलंबर की ओर बढ़े और वहां से पटना चिड़ियाघर के गेट नंबर 2 की ओर मुड़ गए। जब पुलिस ने उन्हें रोकने का प्रयास किया, तो प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेड तोड़ दिए और सुरक्षाकर्मियों के साथ धक्का-मुक्की करने लगे। अधिकारियों का कहना है कि प्रदर्शनकारियों को पहले ही सूचित किया गया था कि 21 से 25 जुलाई तक धारा 163 लागू है और किसी भी प्रकार के प्रदर्शन की अनुमति नहीं है।


आंदोलन की मुख्य मांगें

तीन प्रमुख मांगों को लेकर था आंदोलन

जन सुराज पार्टी का यह विरोध प्रदर्शन तीन मुख्य मांगों के लिए था: गरीब परिवारों को ₹2 लाख की आर्थिक सहायता, दलित भूमिहीन परिवारों को तीन डिसमिल ज़मीन का आवंटन, और भूमि सर्वेक्षण में भ्रष्टाचार के मामलों में कार्रवाई। हालांकि, प्रशासन का कहना है कि पार्टी ने प्रदर्शन की कोई पूर्व अनुमति नहीं ली थी, जिसके कारण पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा।


प्रशांत किशोर की चेतावनी

प्रशांत किशोर ने दी अगली चेतावनी

घटना के बाद प्रशांत किशोर ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि जन सुराज का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा से मिलकर अपनी मांगों की सूची सौंप चुका है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि एक सप्ताह के भीतर उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं, तो पार्टी मुख्यमंत्री आवास का घेराव करेगी।