बिहार में नई सरकार का गठन: नीतीश कुमार फिर से बने मुख्यमंत्री
बिहार में उपमुख्यमंत्री पद का निर्णय
बिहार की नई सरकार में उपमुख्यमंत्री के पद को लेकर भाजपा और जदयू ने अंतिम निर्णय ले लिया है। भाजपा की प्रारंभिक इच्छा थी कि नए उपमुख्यमंत्री के लिए दो नए चेहरे सामने आएं, जिनमें एक महिला भी हो। हालांकि, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सम्राट चौधरी के नाम पर अपनी सहमति दे दी है।
भाजपा की दुविधा
इस स्थिति में भाजपा के सामने एक दुविधा उत्पन्न हो गई थी। यदि केवल नीतीश कुमार के प्रस्ताव को स्वीकार किया जाता, तो पार्टी में असंतोष की संभावना थी। इसलिए, अंतिम समय में यह निर्णय लिया गया कि मौजूदा उपमुख्यमंत्रियों को फिर से पद पर बनाए रखा जाए। इस तरह नए चेहरे को बदलने का जोखिम टल गया और पार्टी में संतुलन भी बना रहा।
नीतीश और सम्राट के बीच की राजनीतिक समझ
नीतीश कुमार और सम्राट चौधरी के बीच गहरी राजनीतिक समझ और विश्वास है। नीतीश हमेशा गठबंधन में किसी एक नेता के साथ मजबूत साझेदारी बनाते हैं। 2017 में जब भाजपा ने सुशील मोदी को उपमुख्यमंत्री पद से हटाने की योजना बनाई थी, तब नीतीश ने अपने प्रभाव का उपयोग कर उनकी बहाली सुनिश्चित की थी। सम्राट चौधरी के साथ भी नीतीश की बॉन्डिंग लगभग वैसी ही प्रतीत हो रही है।
नीतीश कुमार का इस्तीफा
नीतीश कुमार अब बिहार के मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं। उन्होंने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। इसके बाद एनडीए विधायक दल की बैठक में उन्हें सर्वसम्मति से नेता चुना गया। सम्राट चौधरी ने नीतीश का नाम प्रस्तावित किया, जिसे सभी विधायकों ने समर्थन दिया। 20 नवंबर को नीतीश कुमार 10वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे और बिहार के 19वें मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभालेंगे.
नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह
नीतीश ने राज्यपाल को विधायकों के समर्थन की चिट्ठी भी सौंप दी है। बिहार विधानसभा का वर्तमान कार्यकाल 22 नवंबर को समाप्त हो रहा है। नई सरकार का शपथ ग्रहण पटना के गांधी मैदान में होगा। समारोह सुबह 11 बजे शुरू होगा और 12.30 बजे तक चलेगा। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और एनडीए के कई वरिष्ठ नेता उपस्थित रहेंगे.
