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बिहार में नई सरकार का शपथ ग्रहण: क्या नीतीश कुमार फिर बनेंगे मुख्यमंत्री?

बिहार में 20 नवंबर को नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह आयोजित होने की उम्मीद है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शामिल होने की संभावना है। नीतीश कुमार एक बार फिर मुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं। हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में एनडीए ने 243 में से 202 सीटें जीतीं, जो कि एक ऐतिहासिक जीत मानी जा रही है। इस जीत ने नीतीश कुमार की नेतृत्व क्षमता को साबित किया है। सभी की नजरें अब शपथ ग्रहण समारोह पर हैं, जहां नई सरकार का स्वरूप सामने आएगा।
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बिहार में नई सरकार का शपथ ग्रहण: क्या नीतीश कुमार फिर बनेंगे मुख्यमंत्री?

शपथ ग्रहण समारोह की तैयारी


पटना के गांधी मैदान में 20 नवंबर को नई सरकार के शपथ ग्रहण समारोह की योजना बनाई जा रही है। सूत्रों के अनुसार, यह कार्यक्रम गुरुवार को आयोजित किया जा सकता है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शामिल होने की संभावना है। आयोजन स्थल की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है, लेकिन अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि मुख्यमंत्री पद की शपथ कौन लेगा।


नीतीश कुमार की संभावित वापसी

सूत्रों के मुताबिक, नीतीश कुमार एक बार फिर मुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं। इस संदर्भ में, सोमवार को सुबह 11:30 बजे मौजूदा नीतीश कैबिनेट की अंतिम बैठक बुलाई गई है। इस बैठक में सरकार के इस्तीफे का प्रस्ताव रखा जाएगा, जिसे मंजूरी मिलने के बाद नीतीश कुमार राज्यपाल से मिलकर औपचारिक रूप से अपना इस्तीफा देंगे। इसके बाद नई सरकार के गठन की प्रक्रिया शुरू होगी और एनडीए सरकार बनाने का दावा पेश करेगा।


एनडीए की ऐतिहासिक जीत

जेडीयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय कुमार झा ने मीडिया से बातचीत में कहा कि बिहार की जनता ने एनडीए को जो विशाल जनादेश दिया है, वह ऐतिहासिक है। उन्होंने बताया कि इस भारी समर्थन के साथ गठबंधन की जिम्मेदारियों में भी वृद्धि हुई है। संजय झा ने कहा कि सरकार गठन को लेकर सहयोगी दलों के बीच बातचीत जारी है और जल्द ही नई सरकार का ढांचा सामने आएगा।


बिहार विधानसभा चुनाव के परिणाम

हाल ही में हुए बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 243 में से 202 सीटें जीतीं। महागठबंधन को केवल 35 सीटों पर संतोष करना पड़ा, और यह परिणाम बिहार की चुनावी राजनीति में एक नई मिसाल के रूप में देखा जा रहा है।


एनडीए की इस जीत ने नीतीश कुमार की नेतृत्व क्षमता को फिर से साबित किया है, साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विकास आधारित डबल-इंजन सरकार के प्रति जनता के विश्वास को भी दर्शाया है। चुनावी प्रचार के दौरान दोनों नेताओं की रैलियों ने व्यापक समर्थन प्राप्त किया, जिसका प्रभाव चुनावी नतीजों में स्पष्ट रूप से दिखाई दिया।


शपथ ग्रहण समारोह की प्रतीक्षा

अब सभी की नजरें 20 नवंबर के शपथ ग्रहण समारोह पर टिकी हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि नई सरकार किस रूप में सामने आती है और अगले पांच वर्षों में बिहार की विकास यात्रा को किस दिशा में आगे बढ़ाया जाएगा।