बिहार में नशा-आतंकवाद के खिलाफ बड़ी कार्रवाई: राजबीर सिंह की गिरफ्तारी
पूर्वी चंपारण में हुई गिरफ्तारी
पूर्वी चंपारण: बिहार के पूर्वी चंपारण जिले में सीमा सुरक्षा बल और नशा-आतंकवाद के खिलाफ एक संयुक्त अभियान के तहत एक महत्वपूर्ण गिरफ्तारी हुई है। राजबीर सिंह, जिसे फौजी के नाम से भी जाना जाता है, को रक्सौल कस्बे से 500 ग्राम हेरोइन और एक हैंड ग्रेनेड के साथ पकड़ा गया है। प्रारंभिक जांच में उसके पाकिस्तान से जुड़े संबंधों का भी पता चला है।
गिरफ्तारी की परिस्थितियाँ
राजबीर को 18 दिसंबर को रक्सौल की हरैया पुलिस और पंजाब स्टेट स्पेशल ऑपरेशन सेल (SSOC) की संयुक्त छापेमारी में इंडो-नेपाल सीमा के निकट गिरफ्तार किया गया। बताया जा रहा है कि वह नेपाल के रास्ते भागने की योजना बना रहा था, तभी पुलिस ने उसे पकड़ लिया। उसके पास से 500 ग्राम हेरोइन और एक हैंड ग्रेनेड बरामद हुआ है।
पुलिस ने जानकारी दी कि राजबीर पहले सेना में भर्ती हुआ था, लेकिन बाद में वह वहां से भाग गया। उसका नाम पहले से ही जासूसी और गुप्त मामलों में दर्ज था, और वह फरवरी 2025 से सेना से फरार था।
पाकिस्तान कनेक्शन और जांच
जांच के दौरान यह भी सामने आया कि राजबीर का एक पाकिस्तान स्थित हैंडलर के साथ संबंध है, जो उसे हेरोइन की आपूर्ति और अन्य गतिविधियों के लिए प्रेरित कर रहा था। पुलिस के अनुसार, वह नशे की तस्करी में संलग्न था और उसके नेटवर्क में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जुड़े लोग भी शामिल हैं। प्रारंभिक जांच में यह भी संकेत मिला है कि राजबीर और उसके सहयोगी पाकिस्तान के तत्वों से प्रभावित थे।
संयुक्त कार्रवाई की सफलता
राजबीर की गिरफ्तारी से पहले उसके सहयोगी चिराग को भी पकड़ा गया था, जिसके पास से 407 ग्राम हेरोइन और एक 9MM पिस्तौल बरामद हुई थी। चिराग का काम राजबीर के लिए नशे की खेप पहुंचाना और वित्तीय लेन-देन को संभालना था। इस कार्रवाई ने पुलिस की नशा-आतंकवाद के खिलाफ दिशा को स्पष्ट किया है, जिसमें नशे और आतंकवाद के बीच के संबंध को तोड़ने का प्रयास किया जा रहा है।
आगे की कार्रवाई
पुलिस ने राजबीर को पंजाब पुलिस के पास ट्रांजिट रिमांड पर भेज दिया है और आगे की पूछताछ तथा गहन जांच जारी है। यह मामला न केवल नशा तस्करी, बल्कि आतंकवाद और सीमा पार गतिविधियों के खतरों को भी उजागर करता है।
