Newzfatafatlogo

बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण: चुनाव आयोग की पारदर्शिता पर जोर

बिहार में विशेष गहन मतदाता सूची पुनरीक्षण के दौरान राजनीतिक माहौल गर्म है। राहुल गांधी द्वारा उठाए गए मतदाता धोखाधड़ी के आरोपों के बाद चुनाव आयोग ने अपनी निष्पक्षता पर जोर दिया है। इस प्रक्रिया में लगभग 1.6 लाख बूथ स्तर के एजेंट काम कर रहे हैं। जानें इस विवाद के पीछे की कहानी और चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया।
 | 

बिहार में राजनीतिक हलचल और मतदाता सूची पुनरीक्षण

बिहार में विशेष गहन मतदाता सूची पुनरीक्षण (SIR) के चलते राजनीतिक माहौल में गर्माहट आ गई है। कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने मतदाता धोखाधड़ी के गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसके बाद चुनाव आयोग ने अपनी निष्पक्षता को स्पष्ट करते हुए मतदाताओं के हित में अपनी प्रतिबद्धता जताई है। इस विवाद ने चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता और लोकतांत्रिक अधिकारों की सुरक्षा पर नई बहस को जन्म दिया है।


राहुल गांधी ने हाल ही में बिहार के सासाराम से 'मतदाता अधिकार यात्रा' की शुरुआत की, जिसका उद्देश्य मतदाता सूची में मौजूद त्रुटियों को उजागर करना और लोगों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना है। यह यात्रा लगभग 1300 किलोमीटर लंबी है और 25 जिलों से गुजरते हुए 16 दिनों में पटना के गांधी मैदान में एक बड़े कार्यक्रम के साथ समाप्त होगी। इस यात्रा में राजद नेता तेजस्वी यादव भी शामिल हैं।


चुनाव आयोग के मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा है कि आयोग सभी राजनीतिक दलों के प्रति समान है। उन्होंने बताया कि भारत का संविधान हर 18 वर्ष से ऊपर के नागरिक को वोट देने का अधिकार देता है, और इस प्रक्रिया में किसी भी पार्टी के साथ पक्षपात नहीं किया जाता। बिहार में मतदाता सूची सुधार के लिए लगभग 1.6 लाख बूथ स्तर के एजेंट विभिन्न दलों के सहयोग से काम कर रहे हैं।


चुनाव आयोग ने इस प्रक्रिया की पारदर्शिता पर जोर दिया है। सभी संबंधित पक्षों के साथ मतदाता सूची के प्रारूप को साझा किया गया है और सभी राजनीतिक दलों से हस्ताक्षर और पुष्टि प्राप्त की जा रही है। आयोग ने यह भी चिंता जताई है कि कुछ स्तरों पर दस्तावेज राष्ट्रीय नेताओं तक नहीं पहुंच पा रहे हैं, जिससे गलतफहमियां उत्पन्न हो रही हैं।


हाल ही में मीडिया में दोहरी वोटिंग के आरोप भी सामने आए थे, जिन्हें आयोग ने खारिज कर दिया है। आयोग ने कहा कि जब उनसे सबूत मांगे गए तो कोई ठोस प्रमाण नहीं दिया गया। इसके अलावा, 10 लाख से अधिक बूथ स्तर के एजेंटों और लाखों मतदान एजेंटों के सहयोग से चल रही इस प्रक्रिया में ऐसे आरोप लगाना निराधार है।


मुख्य चुनाव आयुक्त ने यह भी पुष्टि की कि पुनरीक्षण के दौरान गैर-भारतीय नागरिकों को मतदाता सूची से हटाया जाएगा। इसमें बांग्लादेशी और नेपाली नागरिक भी शामिल हैं। यह प्रक्रिया पहले भी देश के 10 से अधिक राज्यों में सफलतापूर्वक संपन्न हो चुकी है।


बिहार में यह प्रक्रिया सितंबर के पहले सप्ताह तक पूरी होने की उम्मीद है। वहीं, पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची संशोधन की तारीख अभी तय नहीं हुई है। आयोग ने सभी राजनीतिक दलों से अपील की है कि वे मतदाता सूची सुधार प्रक्रिया में सक्रिय रूप से भाग लें।


मुख्य चुनाव आयुक्त ने अंत में कहा कि चुनाव आयोग देश के हर मतदाता के अधिकारों का सशक्त रक्षक है, चाहे वे किसी भी वर्ग या धर्म के हों। आयोग बिना किसी भय या पक्षपात के लोकतंत्र की रक्षा जारी रखेगा।