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बिहार में वीवीपैट पर्चियों की लापरवाही पर चुनाव आयोग की कार्रवाई

बिहार के समस्तीपुर में सड़क किनारे वीवीपैट पर्चियों के मिलने की घटना ने चुनाव आयोग को कार्रवाई करने पर मजबूर कर दिया। एआरओ को निलंबित किया गया है और मुख्य चुनाव आयुक्त ने इस मामले की जांच के लिए डीएम को निर्देशित किया है। आयोग ने आश्वासन दिया है कि यह घटना मतदान प्रक्रिया की अखंडता को प्रभावित नहीं करती है। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और चुनाव आयोग की कार्रवाई के बारे में।
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बिहार में वीवीपैट पर्चियों की लापरवाही पर चुनाव आयोग की कार्रवाई

चुनाव आयोग की सख्त कार्रवाई

बिहार के समस्तीपुर में सड़क किनारे वीवीपैट पर्चियों के मिलने की घटना के बाद चुनाव आयोग ने संबंधित एआरओ को निलंबित कर दिया है। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने इस मामले में मतदान की निष्पक्षता की गारंटी दी है, यह बताते हुए कि यह घटना केवल मॉक पोल पर्चियों से जुड़ी है और इससे मतदान प्रक्रिया की अखंडता प्रभावित नहीं हुई है।


घटना की जांच

मुख्य चुनाव आयुक्त ने समस्तीपुर के डीएम को घटनास्थल पर जाकर जांच करने का निर्देश दिया है। चूंकि ये पर्चियां मॉक पोल की हैं, इसलिए वास्तविक मतदान प्रक्रिया पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। डीएम ने चुनाव में भाग ले रहे उम्मीदवारों को भी इस बारे में सूचित कर दिया है। हालांकि, लापरवाही के लिए संबंधित एआरओ का निलंबन किया जा रहा है और एफआईआर भी दर्ज की जा रही है।


वीवीपैट पर्चियों का मामला

गुड़मा गांव में सड़क किनारे कूड़े के ढेर में वीवीपैट पर्चियां पाई गई थीं। सूत्रों के अनुसार, एक वरिष्ठ अधिकारी मॉक मतदान के बाद कुछ समय के लिए मतदान केंद्र से चले गए थे और कार्य एक कनिष्ठ अधिकारी को सौंप दिया था, जिसने गलती से पर्चियों को 100 मीटर के प्रतिबंधित क्षेत्र से बाहर फेंक दिया।


सीसीटीवी फुटेज से मिली जानकारी

सुबह 6.12 बजे के सीसीटीवी फुटेज में एक सफाई कर्मचारी को झाड़ू लगाते हुए देखा गया, जिससे अनजाने में पर्चियां बिखर गईं।


जांच की पुष्टि

जिला मजिस्ट्रेट रोशन कुमार ने बताया कि प्रारंभिक जांच से यह स्पष्ट हुआ है कि ये पर्चियां मतदान से पहले सुबह 5.30 बजे की अनिवार्य मॉक पोल की थीं।


चुनाव आयोग के प्रोटोकॉल का पालन

चुनाव आयोग के नियमों के अनुसार, ईवीएम-वीवीपैट की कार्यक्षमता की जांच के लिए मतदान एजेंटों की उपस्थिति में मॉक पोल आयोजित किए जाते हैं, जिसके बाद सीसीटीवी निगरानी में पर्चियों को नष्ट किया जाता है।


पर्चियों की जब्ती

जिला प्रशासन ने जांच के बाद सभी पर्चियों को विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों की मौजूदगी में जब्त किया है। इस मामले में एफआईआर भी दर्ज की गई है।