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बिहार विधानसभा चुनाव 2025: जेडीयू ने उम्मीदवारों को सौंपा चुनाव चिन्ह, अनंत सिंह का नाम प्रमुख

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारी तेज हो गई है, जब जेडीयू ने अपने उम्मीदवारों को चुनाव चिन्ह देना शुरू किया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में पार्टी ने आंतरिक रूप से सीटों का बंटवारा कर लिया है। अनंत सिंह जैसे प्रमुख नेताओं को चिन्ह सौंपे गए हैं, जबकि बीजेपी और जेडीयू समान संख्या में सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। जानें इस चुनावी प्रक्रिया के बारे में और क्या-क्या हो रहा है।
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बिहार विधानसभा चुनाव 2025: जेडीयू ने उम्मीदवारों को सौंपा चुनाव चिन्ह, अनंत सिंह का नाम प्रमुख

बिहार चुनाव 2025 की तैयारी


Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए एनडीए द्वारा सीटों के बंटवारे की घोषणा के बाद, जेडीयू ने अपने उम्मीदवारों को चुनाव चिन्ह देना शुरू कर दिया है। हालांकि, पार्टी ने अभी तक आधिकारिक उम्मीदवारों की सूची जारी नहीं की है, लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निवास पर संभावित उम्मीदवारों को बुलाकर चिन्ह सौंपने की प्रक्रिया चल रही है। इस मौके पर जेडीयू के अध्यक्ष ललन सिंह और मंत्री संजय झा भी मौजूद थे। यह स्पष्ट है कि पार्टी ने अपने हिस्से की सीटों पर आंतरिक रूप से निर्णय ले लिया है।


अनंत सिंह समेत अन्य नेताओं को मिला चुनाव चिन्ह


अब तक जिन नेताओं को चुनाव चिन्ह दिया गया है, उनमें पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा, मंत्री सुनील कुमार, शैलेश कुमार (जमालपुर), पूर्व मंत्री दामोदर रावत और मंत्री रत्नेश सादा शामिल हैं। एक प्रमुख नाम अनंत सिंह का भी है, जिन्हें मोकामा सीट से चिन्ह दिया गया है, हालांकि उन्होंने खुद नहीं आकर अपने प्रतिनिधि के माध्यम से चिन्ह मंगवाया। सूत्रों के अनुसार, अगले 24 घंटों में और भी कई नामों को चिन्ह दिए जा सकते हैं। अनंत सिंह मोकामा सीट से चुनाव लड़ेंगे।


BJP और JDU के बीच सीटों का बंटवारा


हालिया सीट बंटवारे के अनुसार, एनडीए में बीजेपी और जेडीयू दोनों 101-101 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। लोजपा (रामविलास) को 29 सीटें मिली हैं, जबकि हम (सेक्युलर) और रालोसपा (उपेंद्र कुशवाहा) को 6-6 सीटें दी गई हैं। यह 2005 के बाद पहली बार है जब जेडीयू और बीजेपी बराबर सीटों पर चुनावी मैदान में उतर रहे हैं, जबकि पहले जेडीयू को हमेशा अधिक सीटें मिलती थीं।


चुनाव की अंतिम तैयारी


जेडीयू द्वारा बिना औपचारिक सूची के उम्मीदवारों को चिन्ह देना यह दर्शाता है कि पार्टी की तैयारी अब अंतिम चरण में है और चुनावी रणनीति को लागू करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इससे यह भी संकेत मिलता है कि नीतीश कुमार की अगुवाई में जेडीयू अब किसी भी राजनीतिक सस्पेंस से परे, तेजी से निर्णय लेने की दिशा में बढ़ रही है।