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बिहार विधानसभा चुनाव 2025: हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा ने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की

हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए अपनी पहली सूची जारी की है, जिसमें छह उम्मीदवारों के नाम शामिल हैं। इस सूची में दो महिला उम्मीदवार भी हैं, जिनमें से एक दीपा मांझी हैं, जो जीतनराम मांझी की बहू हैं। पार्टी ने मौजूदा विधायकों को फिर से मौका देने के साथ-साथ नए चेहरों को भी शामिल किया है। एनडीए में सीटों का बंटवारा भी हुआ है, जिसमें भाजपा और जदयू को समान संख्या में सीटें मिली हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि ये उम्मीदवार चुनाव में क्या प्रभाव डालते हैं।
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बिहार विधानसभा चुनाव 2025: हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा ने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की

Hindustani Awam Morcha के उम्मीदवारों की घोषणा


बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच, हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के तहत अपनी पहली सूची जारी की है। इस सूची में छह विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की गई है। पार्टी के संस्थापक और केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी ने बताया कि इस चयन में अनुभव और क्षेत्रीय संतुलन को ध्यान में रखा गया है। चार मौजूदा विधायकों को फिर से मौका दिया गया है, जबकि दो नए चेहरों को भी शामिल किया गया है।


महिलाओं को भी मिला प्रतिनिधित्व

इस सूची की एक महत्वपूर्ण विशेषता यह है कि इसमें दो महिला उम्मीदवार शामिल हैं। इनमें से एक दीपा मांझी हैं, जो जीतनराम मांझी की बहू हैं। उन्हें गया जिले की इमामगंज सीट से उम्मीदवार बनाया गया है, जो पहले जीतनराम मांझी की पारंपरिक सीट रही है। पार्टी ने यह संदेश देने का प्रयास किया है कि वह महिलाओं को राजनीति में नेतृत्व देने के लिए प्रतिबद्ध है। दूसरी महिला उम्मीदवार ज्योति देवी को बाराचट्टी से मैदान में उतारा गया है।


पुराने विधायकों को फिर से मौका

हम पार्टी ने अनिल कुमार को टिकारी, ज्योति देवी को बाराचट्टी, प्रफुल्ल कुमार मांझी को सिकंदरा, और दीपा कुमारी को इमामगंज से टिकट देकर अपनी मौजूदा ताकत को बनाए रखने की रणनीति अपनाई है। वहीं, रोमित कुमार सिंह को अतरी सीट और ललन राम को कुटुंबा सीट से टिकट देकर नए चेहरों को मौका दिया गया है। ये दोनों सीटें पहले पार्टी के पास नहीं थीं, जिससे यह स्पष्ट है कि हम पार्टी इन क्षेत्रों में अपनी उपस्थिति बढ़ाना चाहती है।


एनडीए में सीटों का बंटवारा

एनडीए में सीटों के बंटवारे के अनुसार, भाजपा और जदयू को 101-101 सीटें मिली हैं। इसके अलावा, एलजेपी-रामविलास को 29 और राष्ट्रीय लोक जनता दल (RLJP) को 6 सीटों पर चुनाव लड़ने का अवसर दिया गया है। इसी समझौते के तहत जीतनराम मांझी की पार्टी 'हम' को भी 6 सीटें मिली हैं। गठबंधन ने क्षेत्रीय और जातिगत संतुलन बनाए रखने का प्रयास किया है।


दीपा मांझी की उम्मीदवारी पर चर्चा

दीपा मांझी को इमामगंज से टिकट दिए जाने को लेकर राजनीतिक हलकों में बहस चल रही है। कुछ इसे परिवारवाद का उदाहरण मानते हैं, जबकि पार्टी समर्थकों का कहना है कि दीपा मांझी क्षेत्र में सक्रिय रही हैं और उन्होंने सामाजिक कार्यों के माध्यम से एक मजबूत जनाधार बनाया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि जनता इसे एक राजनीतिक उत्तराधिकार के रूप में या एक योग्य महिला प्रतिनिधि के तौर पर स्वीकार करती है।


संतुलन और समावेशिता का संदेश

हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा की यह सूची दर्शाती है कि पार्टी ने अनुभव और युवाओं का संतुलन साधने का प्रयास किया है। महिलाओं को स्थान देकर, पार्टी ने समावेशी राजनीति का संदेश देने की कोशिश की है। नए चेहरों को उतारकर, पार्टी यह भी दिखाना चाहती है कि वह केवल पुराने चेहरों पर निर्भर नहीं है, बल्कि संगठन में नई ऊर्जा और संभावनाओं को भी मौका देना चाहती है। बिहार विधानसभा चुनावों में यह देखना रोचक होगा कि एनडीए के सहयोगी दलों के ये उम्मीदवार क्या प्रभाव डालते हैं और जनता किसे मौका देती है।