बिहार विधानसभा चुनावों के लिए नए सुधारों की घोषणा

चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस
चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस: रविवार, 5 अक्टूबर 2025 को चुनाव आयोग ने एक महत्वपूर्ण प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की। इस अवसर पर बिहार के सभी जिला स्तर के बूथ लेवल अधिकारियों (BLOs) ने भाग लिया। मुख्य निर्वाचन आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार ने विशेष गहन सुधार (Special Intensive Revision - SIR) के तहत BLOs के कार्यों की सराहना की और बताया कि इस प्रक्रिया में 90,000 से अधिक BLOs ने भाग लिया।
मतदाता अनुभव को बेहतर बनाने के लिए सुधार
आगामी बिहार विधानसभा चुनावों में मतदान प्रक्रिया को और अधिक सहज बनाने के लिए चुनाव आयोग ने कई नए सुधारों की घोषणा की है। CEC ज्ञानेश कुमार ने पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि बिहार पहला राज्य होगा, जहां ईवीएम (Electronic Voting Machine) पर उम्मीदवारों की तस्वीरें और बैलट पेपर रंगीन दिखाई देंगे।
#WATCH | Patna, Bihar: Chief Election Commissioner (CEC) Gyanesh Kumar says, "...There is still time until ten days before the last date of nomination. If any person or any political party has any concerns that any eligible voter has been left out or that the name of an… pic.twitter.com/541BUKcREo
— News Media October 5, 2025
रंगीन बैलट और बेहतर पहचान
रंगीन बैलट: मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने बताया कि वर्तमान में ईवीएम बैलट पर उम्मीदवारों की तस्वीरें काले और सफेद रंग की होती हैं, जिससे मतदाता पहचान में कठिनाई महसूस करते हैं। उन्होंने कहा, "अब बिहार चुनावों से शुरू होकर पूरे देश में ईवीएम बैलट पर उम्मीदवारों की तस्वीरें रंगीन दिखाई जाएंगी और क्रमांक (Serial Number) की फ़ॉन्ट साइज भी बढ़ाई जाएगी। इससे मतदाता आसानी से उम्मीदवार की पहचान कर सकेंगे।"
मतदाता संख्या और पहचान पत्र
चुनाव आयोग ने यह भी घोषणा की कि अब किसी भी मतदान केंद्र पर 1,200 से अधिक मतदाता नहीं होंगे। बूथ स्तर के अधिकारियों के लिए पहचान पत्र जारी किए जाएंगे, ताकि वे मतदाताओं के लिए स्पष्ट रूप से पहचाने जा सकें। इसके साथ ही मोबाइल फोन को मतदान केंद्र के बाहर एक अलग कमरे में जमा कराया जाएगा। आयोग ने यह भी कहा कि हर मतदान केंद्र पर 100 प्रतिशत वेबकास्टिंग की व्यवस्था की जाएगी।
चुनावों का उत्सव
चुनावों का उत्सव: ज्ञानेश कुमार ने बिहार विधानसभा चुनाव 22 नवंबर 2025 से पहले सम्पन्न कराने की पुष्टि की। उन्होंने बताया कि बिहार में कुल 243 विधानसभा क्षेत्र हैं, जिनमें 2 अनुसूचित जनजाति (ST) और 38 अनुसूचित जाति (SC) के लिए आरक्षित हैं। विशेष गहन मतदाता संशोधन (SIR) प्रक्रिया 24 जून 2025 को शुरू की गई थी और समयसीमा के भीतर पूरी कर ली गई।
चुनाव आयोग के अधिकारियों के अनुसार, चुनाव प्रक्रिया में मतदाताओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए बिहार में पहली बार बूथ स्तर के अधिकारियों को विशेष प्रशिक्षण भी दिया गया। CEC ने मतदाताओं से अपील की कि वे लोकतंत्र के इस महोत्सव को उत्साहपूर्वक मनाएं और मतदान अवश्य करें। उन्होंने कहा, "बिहार के मतदाता इसे उसी तरह उत्साह के साथ मनाएं जैसे वे छठ पर्व मनाते हैं। सभी मतदान करें और लोकतंत्र में सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करें।"
पारदर्शिता का प्रयास
पारदर्शिता का प्रयास: इससे पहले, राजनीतिक दलों ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त से मुलाकात कर बिहार विधानसभा चुनाव छठ पर्व के बाद तुरंत कराने की इच्छा जताई थी। राजनीतिक दलों ने आयोग की सफल SIR प्रक्रिया के लिए भी धन्यवाद दिया। हालांकि, यह प्रक्रिया चुनावों से पहले राजनीतिक विवाद का कारण भी बनी।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने यह भी स्पष्ट किया कि चुनाव आयोग मतदाताओं की सुविधा और पारदर्शिता को सर्वोच्च प्राथमिकता देता है और नए सुधारों के माध्यम से बिहार विधानसभा चुनाव को देश में सबसे सुचारू और पारदर्शी चुनाव बनाने का प्रयास कर रहा है।