बेंगलुरु में Foxconn की नई iPhone यूनिट: राजनीतिक श्रेय की बहस छिड़ी
बेंगलुरु में Foxconn की भर्ती पर राजनीतिक विवाद
बेंगलुरु: बेंगलुरु में Foxconn की नई iPhone निर्माण इकाई में बड़े पैमाने पर भर्ती को लेकर राजनीतिक चर्चाएं तेज हो गई हैं। कांग्रेस के सांसद राहुल गांधी ने इसे 'बड़ा और परिवर्तनकारी रोजगार सृजन' बताया, जबकि केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस पर चुटीली प्रतिक्रिया दी।
राहुल गांधी ने इसे कर्नाटक सरकार की उपलब्धि करार दिया, वहीं वैष्णव ने इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'मेक इन इंडिया' कार्यक्रम की सफलता बताया और राहुल को धन्यवाद दिया। इस मुद्दे पर अब सोशल मीडिया और राजनीतिक हलकों में चर्चा बढ़ गई है।
राहुल गांधी का फेसबुक पोस्ट
राहुल गांधी ने Foxconn में लगभग 30,000 कर्मचारियों की भर्ती से संबंधित एक समाचार क्लिप फेसबुक पर साझा किया। उन्होंने लिखा, "कर्नाटक एक ऐसा इकोसिस्टम बना रहा है, जहाँ मैन्युफैक्चरिंग इस गति और पैमाने पर बढ़ सकती है।"
उन्होंने आगे कहा कि यही वह भारत है जिसे बनाना चाहिए - "गरिमापूर्ण नौकरियाँ और सभी के लिए अवसर।" इस उपलब्धि का श्रेय उन्होंने कर्नाटक सरकार द्वारा बनाए गए अनुकूल औद्योगिक माहौल को दिया।
अश्विनी वैष्णव का जवाब
राहुल गांधी की पोस्ट पर केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक्स पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने लिखा, "पीएम नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया कार्यक्रम की सफलता को स्वीकार करने के लिए धन्यवाद।" उन्होंने आगे कहा, "जैसा कि आपने बताया है, हम अपने पीएम के विज़न को लागू करते हुए एक प्रोड्यूसर इकॉनमी बन रहे हैं।" इस बयान के बाद यह मुद्दा केवल रोजगार तक सीमित नहीं रहा, बल्कि नीतियों और श्रेय की राजनीति तक पहुंच गया।
Thanks @RahulGandhi for acknowledging the success of PM Shri @narendramodi Ji’s ‘Make in India’ programme. As you have noted, we are becoming a producer economy as we implement our PM’s vision. pic.twitter.com/1K8kmE6s3t
— Ashwini Vaishnaw (@AshwiniVaishnaw) December 24, 2025
Foxconn की बेंगलुरु यूनिट का महत्व
ताइवान की कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरिंग कंपनी Foxconn की यह फैक्ट्री बेंगलुरु के देवनहल्ली क्षेत्र में स्थित है। रिपोर्टों के अनुसार, केवल 8 से 9 महीनों में इतनी बड़ी संख्या में भर्ती होना भारत में अब तक के सबसे तेज फैक्ट्री रैंप-अप्स में से एक माना जा रहा है।
यह यूनिट मुख्य रूप से महिलाओं द्वारा संचालित है और इसमें काम करने वाले अधिकांश युवा 19 से 24 साल के हैं, जो पहली बार औद्योगिक रोजगार से जुड़े हैं।
Apple की रणनीति और भारत की भूमिका
करीब 300 एकड़ में फैली इस फैक्ट्री का 80 प्रतिशत से अधिक उत्पादन निर्यात किया जा रहा है। यह Apple की उस रणनीति को दर्शाता है, जिसके तहत वह चीन से बाहर अपनी सप्लाई चेन को तेजी से विविध बना रहा है। इससे यह स्पष्ट होता है कि भारत अब केवल उपभोक्ता बाजार नहीं, बल्कि वैश्विक मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में उभर रहा है।
