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बेंगलुरु में भगदड़: कर्नाटक हाईकोर्ट ने लिया स्वतः संज्ञान, 11 की मौत

कर्नाटक हाईकोर्ट ने बेंगलुरु के एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर हुई भगदड़ का स्वतः संज्ञान लिया, जिसमें 11 लोगों की मौत हो गई। यह घटना आईपीएल टीम रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु की ट्रॉफी जीत के जश्न के दौरान हुई। अदालत ने मामले की सुनवाई की और राज्य सरकार ने नई मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) बनाने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री ने मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं। जानें इस घटना के पीछे की पूरी कहानी और सरकार की प्रतिक्रिया।
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बेंगलुरु में भगदड़: कर्नाटक हाईकोर्ट ने लिया स्वतः संज्ञान, 11 की मौत

कर्नाटक हाईकोर्ट का संज्ञान

कर्नाटक हाईकोर्ट ने गुरुवार को बेंगलुरु के एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर हुई दुखद भगदड़ का स्वतः संज्ञान लिया, जिसमें 11 लोगों की जान चली गई और 56 से अधिक लोग घायल हुए। यह घटना बुधवार शाम को हुई, जब आईपीएल टीम रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु की पहली ट्रॉफी जीत का जश्न मनाया जा रहा था। हजारों प्रशंसक खिलाड़ियों को देखने के लिए स्टेडियम के बाहर इकट्ठा हुए थे, लेकिन भीड़ को नियंत्रित नहीं किया जा सका, जिससे यह हादसा हुआ।


अदालत की सुनवाई

अदालत का हस्तक्षेप

इस मामले में वकील ने कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश वी. कामेश्वर राव और न्यायमूर्ति सी.एम. जोशी की पीठ के समक्ष तत्काल सुनवाई की अपील की। अदालत ने इस पर संज्ञान लेते हुए दोपहर 2:30 बजे सुनवाई निर्धारित की। राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता शशि किरण शेट्टी ने बताया कि प्रशासन आवश्यक कदम उठा रहा है और एक विस्तृत रिपोर्ट अदालत में पेश की जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार इस मामले में किसी भी सुझाव के लिए तैयार है, यह एक मानवीय संवेदनाओं से जुड़ा मामला है।


शिकायतों का सिलसिला

अधिकारियों के खिलाफ दर्ज हुईं शिकायतें

इस घटना के बाद आम जनता और सामाजिक संगठनों ने कई शिकायतें दर्ज की हैं। सामाजिक कार्यकर्ता स्नेहमयी कृष्णा ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार और कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (KSCA) के अधिकारियों के खिलाफ लापरवाही का आरोप लगाते हुए IPC की धारा 106 के तहत शिकायत दी है। इसके अलावा, आम आदमी पार्टी की कर्नाटक इकाई के युवा अध्यक्ष लोहित हनुमानपुरा ने भी केएससीए और स्टेडियम प्रबंधन के खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग की है।


नई SOP का निर्माण

सरकार बनाएगी नई SOP

गृह मंत्री जी. परमेश्वर ने कहा कि राज्य सरकार अब बड़े आयोजनों के लिए नई मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) जारी करेगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि भविष्य में किसी भी बड़े सार्वजनिक कार्यक्रम के आयोजन से पहले पुलिस की अनुमति और दिशा-निर्देश अनिवार्य होंगे। उन्होंने इस हादसे की गंभीरता को देखते हुए कहा कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों, इसके लिए प्रशासन हरसंभव प्रयास करेगा।


जांच के आदेश

मजिस्ट्रेट जांच के आदेश

मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने घटना के तुरंत बाद एक आपात बैठक बुलाई और बेंगलुरु शहरी उपायुक्त के नेतृत्व में मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए। गृह मंत्री ने आश्वासन दिया कि यदि जांच में किसी भी स्तर पर लापरवाही पाई जाती है, तो दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने पीड़ितों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि यह बेहद दुखद है कि जश्न के मौके पर युवा अपनी जान गंवा बैठे। सरकार की प्राथमिकता है कि इस तरह की त्रासदी फिर कभी न दोहराई जाए।