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भारत और सिंगापुर की रणनीतिक साझेदारी को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम

भारत और सिंगापुर ने अपनी रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने का निर्णय लिया है। केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग के बीच हुई बैठक में विमानन रखरखाव, शहरी विकास और बुनियादी ढांचे के विस्तार पर चर्चा की गई। जानें इस महत्वपूर्ण बैठक के प्रमुख बिंदु और भविष्य की संभावनाएँ।
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भारत और सिंगापुर की रणनीतिक साझेदारी को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम

केंद्रीय वाणिज्य मंत्री की सिंगापुर के प्रधानमंत्री से मुलाकात


भारत और सिंगापुर के बीच सहयोग बढ़ाने का निर्णय


भारत और सिंगापुर के बीच सहयोग को और मजबूत करने का निर्णय लिया गया है। यह महत्वपूर्ण निर्णय केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग के बीच हुई बैठक में लिया गया।


मंत्री गोयल ने सिंगापुर यात्रा के दौरान कई महत्वपूर्ण बैठकों का आयोजन किया। उन्होंने सोशल मीडिया पर साझा किया कि सिंगापुर के प्रधानमंत्री से मुलाकात करना उनके लिए खुशी की बात थी। इस चर्चा ने हमारी व्यापक रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने की दिशा में प्रतिबद्धता को दर्शाया।


सिंगापुर का विमानन रखरखाव में सहयोग

मंत्री गोयल ने अपनी यात्रा के दौरान सिंगापुर एयरलाइंस इंजीनियरिंग कंपनी (एसआईएईसी) के सीईओ चिन याउ सेंग से भी मुलाकात की। इस बैठक में विमानन रखरखाव, मरम्मत और ओवरहाल (एमआरओ) क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की गई।


बैठक का मुख्य उद्देश्य भारत के एयरोस्पेस पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देना और वैश्विक कनेक्टिविटी को मजबूत करना था। इसके अलावा, मंत्री गोयल ने ग्रुप सीईओ ली ची कून और कैपिटलैंड इन्वेस्टमेंट के वरिष्ठ कार्यकारी निदेशक मनोहर खियातानी के साथ भी अलग-अलग बैठकें कीं।


भारत के विकास पर केंद्रित चर्चाएँ

इन बैठकों में सतत शहरी विकास और बुनियादी ढांचे के विस्तार पर ध्यान केंद्रित किया गया, जिसमें लॉजिस्टिक्स, वेयरहाउसिंग और डेटा सेंटर शामिल थे। दोनों पक्षों ने भारत की विकास गाथा को आगे बढ़ाने के नए अवसरों की खोज की।


बैठकों में विमानन, शहरी बुनियादी ढांचे और निवेश सहित विभिन्न क्षेत्रों में सिंगापुर के साथ संबंधों को गहरा करने के प्रयासों पर चर्चा की गई। इसके साथ ही, दीर्घकालिक आर्थिक विकास को समर्थन देने के लिए नवाचार और कौशल विकास का लाभ उठाने पर भी जोर दिया गया।